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Sunday, July 6, 2025

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चंदौली ही नहीं पूरे देश के अनमोल रत्न हैं मेजर जनरल (रिटायर्ड) कमल सिंह

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Young Writer, चंदौली। मेजर जनरल रिटायर्ड कमल सिंह 76वीं स्वतंत्रता दिवस पर डिस्ट्रिक्ट डेमोक्रेटिक बार एसोसिएशन में आयोजित समारोह में अपनों का सम्मान पाकर अभिभूत नजर आए। इस दौरान उन्होंने कहा कि जब अपनों द्वारा सम्मानित किया जाता है तो उसकी अनुभूति को शब्दों से बयां नहीं किया जा सकता है। उन्होंने सेना को समर्पित अपने 38 वर्ष की सेवा व समर्पण के कुछ अनछुए पहलुओं को अधिवक्ताओं संग साझा किया। साथ ही अधिवक्ताओं की भूमिका पर भी रौशनी डाली। उन्होंने कहा कि कानून का प्रभाव व उसके संचालन की जिम्मेदारी अधिवक्ताओं पर है। इसलिए अधिवक्ता सुरक्षित रहेगा, तभी देश सुरक्षित होगा। जिस देश की कानून व्यवस्था मजबूत होती है, वह देश अपने आप में सशक्त और सुरक्षित माना गया है। श्री सिंह सोमवार को डिस्ट्रिक्ट डेमोक्रेटिक बार एसोसिएशन सभागार में आयोजित स्वतंत्रता दिवस एवं सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे।
इस दौरान उन्होंने कहा कि वह इंजीयरिंग के विद्यार्थी थे और पढ़ाई पूरी करके सेना से जुड़ने का अवसर उन्हें मिला। इस दरम्यान आसाम से लगायत पाकिस्तान बार्डर समेत कई अलग-अलग हिस्सों में पोस्टिंग के दौरान विषम हालात में सेना के लिए बंकर, पुल व रास्तों के निर्माण समेत अन्य जटिल अभियंत्रण कार्यों को सम्पन्न कराना बेहद चुनौतिपूर्ण रहा। इसके बाद डीआरडीओ से जुड़कर मिसाइल मैन डा. एपीजे अब्दुल कलाम के विभिन्न कार्यों व प्रोजेक्ट में उनके सानिध्य में कार्य करने को अपना सौभाग्य बताया। कहा कि कलाम साहब बेहतर अनुशासित व्यक्तित्व थे जिन्होंने अपना पूरा जीवन देश को समर्पित कर दिया। वह हमेशा प्रतिभा को सम्मान देने का काम किए। मिसाइल प्रोग्राम में उनकी योगदान को जितना सराहा जाए, वह कम है। कहा कि भारतीय सेना प्रतिकूल मौसम और हालात में खुद को स्थापित करने के साथ ही सीमाओं की सुरक्षा करती है यह बेहद जिम्मेदारी, अनुशासनात्मक एवं चुनौतिपूर्ण कार्य है। कहा कि गांव के लोगों के पास बड़े-बड़े अवसर आते हैं। ऐसी स्थिति में अपने बौद्धिक क्षमता का परिचय देते हुए ऐसे अवसरों को अर्जित करने की जरूरत है। क्योंकि यही वजह आपकी और देश की तस्वीर और तकदीर बदल देते हैं। बताया कि जब शुरुआती दिनों में उन्हें अभियंत्रण के क्षेत्र में कुछ करने का अवसर मिला तो उन्होंने अपनी मातृभूमि वाराणसी को अपनी कर्मभूमि के रूप में चुना। डेढ़ माह तक बनारस के एक-एक सीवरेज व कूड़ा निस्तारण प्रणाली को देखा और परखा। साथ ही बनारस को पहला सीवरेज का डिजाइन भी समर्पित किया, जो आज भी शहर की गंदगी को साफ करने में क्रियाशील है। इसके पूर्व बार अध्यक्ष संतोष कुमार सिंह समेत तमाम अधिवक्ताओं ने माल्यार्पण करने के साथ ही स्मृति चिह्न भेंट कर चंदौली जनपद के महुअर के माटी के लाल कमल सिंह को सम्मानित किया और उन्हें चंदौली ही नहीं, बल्कि देश का अनमोल रत्न करार दिया। इस अवसर पर पूर्व अध्यक्ष अनिल कुमार सिंह, महामंत्री शमशुद्दीन, पूर्व महामंत्री झन्मेजय सिंह, मोहम्मद अकरम, धनंजय सिंह, विद्याचरण सिंह, हवलदार सिंह, फिरोज, योगेश सिंह लड्डू आदि उपस्थित रहे। संचालन सुल्तान अहमद ने किया।
इसके बाद उन्होंने विज्डम एजुकेयर में आयोजित समारोह में शरीक हुए और इंजीनियरिंग व प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे बच्चों का अपने अभिभाषण के जरिए मार्गदर्शन किया। कहा कि लक्ष्य को निर्धारित कर उसे पाने के लिए कड़ी मेहनत व एकाग्रता की जरूरत होगी। अनावश्यक वस्तुओं का बहिष्कार कर शिक्षकों के मार्गदर्शन में उचित ज्ञान को अर्जित कर सफलता को शत-प्रतिशत पाया जा सकता है। मेहनत व लगन होती तो सफलता निश्चित ही कदम चुमेगी। 

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