सदर ब्लाक में गोष्ठी आयोजित, नगर में निकाली गई भव्य झांकी
Young Writer, चंदौली। अखिल भारतीय अनुसूचित जाति एवं जनजाति कर्मचारी कल्याण एसोसिएशन की ओर से बाबा साहब डा. भीमराव अम्बेडकर की 131वीं जयंती सदर ब्लाक परिसर में मनाई गयी। इस दौरान आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ भन्ते करणाधर ने बुद्ध वंदना के साथ किया। इसके बाद बाबा साहब के चित्र पर श्रद्धा-सुमन अर्पित कर उनके व्यक्तित्व व कृतित्व पर प्रकाश डाला गया। इसके साथ ही नगर में विभिन्न गांवों से आए दलित समाज के लोगों ने सुंदर व भव्य झांकी निकालकर नगर भ्रमण किया।
इस दौरान मुख्य अतिथि प्रोफेसर नागेंद्र कुमार ने बताया कि जब देश अंग्रेजों के अधीन ािा, उस समय अंग्रेजों ने लार्ड मैकाले पद्धति द्वारा भारत में दबे-कुचले लोगों को भी पढ़ने-लिखने का द्वार खोल दिया। बाबा साहब ने अपनी शिक्षा व ज्ञान के बल पर गोल मेज सम्मेलन में भारत में रहने वाले अस्पृश्य, अछूत व डिप्रेश क्लास कहे जाने वाले लोगों के लिए लंदन में इनकी बेहतरी के लिए अधिकार दिलाया। लेकिन इस अधिकार के खिलाफ महात्मा गांधी आमरण अनशन पर बैठ गए। कहा कि आज निजीकरण के द्वारा आरक्षण को निष्प्रभावी किया जा रहा है। विशिष्ट वक्ता वंशराज ने बताया कि बाबा साहब ने अपने अंतिम समय में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय वाराणसी में जनमानस को संबोधित करते हुए कहा था कि आपको तय करना है कि आपका जीवन विधान से संचालित होगा या फिर संविधान से। दोनों को एक साथ जिन्दा नहीं रखा जा सकता है। मनोज कुमार त्यागी ने भी बाबा साहब के जीवन संघर्ष पर प्रकाश डाला। कहा कि बाबा साहब से सामाजिक तिरस्कार के बावजूद शिक्षा हासिल कर खुश को शिक्षित बनाया। साथ ही उन्हें आजादी के बाद देश के दलित, असहाय व पिछड़े समाज को उचित प्रतिनिधित्व देने के लिए संविधान में प्रावधान किए, जिससे आज दलितों, पिछड़ों व असहायों को समाज में प्रतिनिधित्व प्राप्त हो रहा है। उन्होंने समाज में समानता को स्थापित करने के लिए अभूतपूर्व कार्य किया है। इस अवसर पर अरविन्द कुमार कौशल, अजय कुमार भारती, सभासद अर्चना देवी, डा. विजय कुमारी, विनोद कुमार, रमेश राम, राजकुमार गौतम उपस्थित रहे। संचालन सुरेश कुमार अकेला ने किया।
जयंती पर याद किए गए भारत रत्न डा. भीमराव अम्बेडकर
चंदौली। सिविल बार एसोसिएशन की ओर से गुरुवार को बाबा साहब डा.भीमराव अम्बेडकर की 131वीं जयंती श्रद्धापूर्वक मनायी गयी। इस दौरान अध्यक्ष सुबाष चन्द्र ने डा. भीमराव अम्बेडकर के जीवन संघर्ष पर प्रकाश डाला। साथ ही देश व भारतीय समाज को दिए गए योगदान पर भी चर्चा की। कहा कि बाबा साहब ने जाति-धर्म व मजहब से ऊपर उठकर संवैधानिक तरीके से काम करने की वकालत की। उन्होंने समाज में व्याप्त कुरीतियों का प्रतिकार किया और समाज में समानता लाने के लिए अंतिम समय तक संघर्ष किया। इस अवसर पर रामजन्म बागी, राजेंद्र तिवारी, विनय कुमार सिंह, डा.बृजेश यादव, रणधीर सिंह, डा. विरेन्द्र सिंह, अजय कुमार, समरनाथ सिंह, शहाबुद्दीन, अरविन्द कुमार, पंकज, आनन्द कुमार, महेंद्र प्रताप सिंह, राजेश दीक्षित, सुनीता चौधरी, रमेश सिंह आदि उपस्थित रहे। संचालन गोकुल प्रसाद ने किया।
दूसरी ओर पंडित कमलापति त्रिपाठी राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय चंदौली में भारत रत्न डा. भीमराव अंबेडकर जयंती मनाई गई। इस अवसर पर मिशन शक्ति के चौथे चरण और विशेष अभियान की शुरुआत की गई। कार्यक्रम में सर्वप्रथम डा.अंबेडकर को नमन करते हुए उनके विचारों को याद किया गया। वर्तमान संदर्भ में उनकी प्रासंगिकता पर भी प्रकाश डाला गया। बताया कि कैसे डा.अंबेडकर ने विपरीत परिस्थितियों में अपने आप को स्थापित किया और स्थापित ही नहीं करता बल्कि समाज में एक मुकाम बनाने में सफल रहे। संविधान निर्माण में डा.अंबेडकर की भूमिका और प्रारूप समिति के अध्यक्ष के रूप में उनके द्वारा किए गए कार्यों पर भी विस्तार से प्रकाश डाला गया। मिशन शक्ति कार्यक्रम के अंतर्गत उपस्थित छात्र-छात्राओं को ऑनलाइन बालिका सुरक्षा और स्वाभिमान से जुड़ी शपथ दिलाई गई। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राध्यापक और छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।