मांगें नहीं मानी तो मई में आमरण अनशन करने की दी चेतावनी
Young Writer, चंदौली। इंडियन बैंक चोरी प्रकरण में पीड़ित लॉकरधारियों का एक प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को पुलिस लाइन पहुंचकर एएसपी चिरंजीव मुखर्जी से मिला। लाकरधारियों ने कानपुर सेंट्रल बैंक की शाखा के द्वारा 11 लॉकरधारियों के 24 दिन के भीतर 2 करोड़ 64 लाख का भुगतान किए जाने के संबंधित दस्तावेज सौंपा। साथ ही इंडियन बैंक पर दवाब बनाकर उसी तरह की प्रक्रिया मुआवजा दिलाने की मांग की है।
चेतावनी दी कि अगर बैंक पीड़ितों की मदद और कानूनी प्रक्रिया में सहयोग नहीं करेगा तो मई महीने के दूसरे सप्ताह में आमरण अनशन भी करने पर विचार किया जाएगा। यह अनशन तब तक चलेगा, जब तक बैंक के आला अफसर आकर सेटलमेंट के लिए तैयार नहीं हो जाते हैं। अपर पुलिस अधीक्षक चिरंजीव मुखर्जी ने चंदौली कोतवाल शेषधर पांडेय को निर्देशित किया कि कानपुर के मामले का संज्ञान लेकर तत्काल इंडियन बैंक के अफसरों से बातचीत कर मुआवजे का हल निकालने का निर्देश दिया, ताकि पीड़ितों को मुआवजा दिलाने में मदद की जा सके। लाकरधारियों ने कहा कि इंडियन बैंक में हुई चोरी में हम सभी का करोड़ों रुपए के जेवरात और गहने गायब हो गए। इस मामले में पुलिस की चार्जशीट में बैंक की लापरवाही सामने आई है और बैंक ने अभी तक ना तो मुआवजे का भुगतान किया है और ना ही हमारी कानूनी प्रक्रिया में हमारा सही तरीके से सहयोग कर रहा है। हमें बैंक के इंश्योरेंस के पेपर लेने के लिए 10 दिन की दौड़भाग के बाद तालाबंदी को मजबूर होना पड़ा तब जाकर बैंक ने पेपर कल शाम अपने अधिवक्ता को दिया। मुलाकात करने वालों में विजय तिवारी, आरके सिंह, दिनेश सिंह, रेखा सिंह, रामेश्वर सिंह, सुदर्शन सिंह समेत कई लॉकरधारी शामिल थे।