Young Writer, चंदौली। इस वक्त नगर निकाय चुनाव में कुर्सी की खातिर उम्मीदवार अंधी दौड़ लगाए हुए हैं। चंदौली नगर पंचायत का भी कुछ ऐसा ही हाल है। जहां प्रत्याशियों को अपनी जीत व कुर्सी के सिवाय इस वक्त कुछ नहीं नजर आ रहा है। ऐसी अंधाधुंध दौड़ के बीच एक प्रत्याशी है जो अलग औरों से बिल्कुल अलग। अपने हाव से भाव और अपने प्रभाव है। जी हां! बात हो रही है आम आदमी पार्टी की महिला उम्मीदवार रत्ना सिंह की। जो न तो अपनी जीत और ना ही कुर्सी को हासिल करने के लिए चुनाव लड़ रही है।

नारी होने के नाते शक्ति की प्रतिमूर्ति रत्ना सिंह अबकी बार चंदौली नगर पंचायत चुनाव में पुरुषों की प्रधानता के बीच महिला प्रतिनिधित्व को बनाए रखने और उसे बचाए रखने के लिए लड़ व जूझ रही हैं। ऐसे चुनाव में जहां पुरुष प्रत्याशियों के बीच भीषण घमासान मचा है।

चुनाव के इस कोलाहल से दूर रत्ना सिंह अपने चुनाव को नए अंदाज मजबूती प्रदान कर रही हैं। भले ही उनका चुनाव प्रचार शांत हो, लेकिन वह स्थिर, स्थायी व उनके चुनावी जमीन को मजबूती प्रदान करने वाला है। रत्ना सिंह कहती हैं कि पुरुष के मुकाबले महिलाएं अधिक संवेदनशील होती है, लिहाजा जन समस्याओं को निस्तारित करने व जन-जन के कल्याण में महिला जनप्रतिनिधि पुरुषों के मुकाबले बेहतर व संजीदा साबित होंगी।

महिलाओं में अपना ऊर्जा, लक्ष्य को हासिल करने का जुनून व हौसला होता है, लेकिन महिलाएं आज जागरूकता और मार्गदर्शन के अभाव में अपने जुनून व हौसले से पहचान नहीं पा रही है। महिलाओं को इसी पहचान से रूबरू कराने के लिए नगर पंचायत चंदौली के चेयरमैन का यह चुनाव लड़ा जा रहा है जो आगे आने वाले दिनों नजीर के तौर पर देखा, सुना व जाना जाएगा। कहा कि चुनाव में जन-जन का सहयोग मिला और बहुमत को प्राप्त कर चेयरमैन बनी तो महिला कल्याण, सशक्तिकरण, शिक्षा व स्वरोजगार के क्षेत्र में प्राथमिकता के आधार पर कार्य होंगे।
