आज चंदौली को ओवरब्रिज समर्पित करेंगे केंद्रीय मंत्री व सांसद डा.महेंद्रनाथ पांडेय
Young Writer, चंदौली। दो हिस्सों में विभक्त चंदौली अब एक होने जा रही है। लम्बे जद्दोजहद व इंतजार के बाद यह पावन बेला सोमवार को आने वाला है। यह सबकुछ केंद्रीय मंत्री व सांसद डा.महेंद्रनाथ पांडेय के प्रयास व पहल से होने जा रहा है। ऐसे में केंद्रीय मंत्री ही इस शुभ कार्य का शुभारंभ करेंगे। जी हां! बात हो रही बहुप्रतिष्ठित चंदौली रेलवे ओवरब्रिज की, जिसका लोकार्पण केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री व सांसद डा. महेंद्रनाथ पांडेय सोमवार को करने जा रहे हैं। इसके साथ ही कई दशक से दो हिस्सों में बंटा चंदौली एक हो जाएगा। साथ ही लोगों के बीच कायम भौतिक दूरियां भी खत्म होंगी।
विदित हो कि सुरक्षित आवागमन में आ रही दुश्वारियों को देखते हुए चंदौली रेलवे क्रासिंग के पास वर्ष 2018 में रेलवे ओवरब्रिज निर्माण की आधारशीला रखी गयी, उस वक्त डा. महेंद्रनाथ पांडेय ने ही इस कार्य का शुभारंभ किया था उसी दरम्यान उन्होंने चंदौलीवासियों को यह मजबूत भरोसा दिया था कि इसका लोकार्पण भी वह अपने हाथों से करेंगे। जनता को किए अपने वादे को पूरा करने के लिए केंद्रीय मंत्री डा. महेंद्रनाथ पांडेय तीन जनवरी को जनपद दौरे पर होंगे। इस दौरान वे 35.47 करोड़ की लागत से बनकर तैयार हो चुकी 630 मीटर लम्बे रेलवे ओवरब्रिज का शुभारंभ करेंगे। इसके साथ ही पुल आम लोगों के आवागमन के लिए खोल दिया जाएगा। इसके साथ ही दो फाड़ हो चुके चंदौली भी काफी हद तक करीब आ जाएगी। लोगों के आवागमन की दुश्वारियां खत्म होगी और वे सुगमता के साथ आ-जा सकेंगे।
पुल के निर्माण कार्य में लगे सेतू निगम के अभियंताओं ने बताया कि चंदौली रेलवे ओवरब्रिज जनपद का पहला व पूर्वांचल का दूसरा अनोखा ब्रिज है जिसे अलग तरह की तकनीकी पर स्थापित किया जाएगा। पहला पुल वाराणसी के मंडुआडीह में बना है और दूसरा चंदौली में उद्घाटित होने जा रहा है। बताया कि बीच का 60 मीटर का हिस्सा बो-स्ट्रींग तकनीकी पर आधारित है और इतनी दूरी में किसी भी पुल का स्पोर्ट नहीं है। पुल उक्त हिस्से में 400 टन से अधिक स्टील का इस्तेमाल किया गया है जो इसकी मजबूती का आधार है।