हाल नौगढ़ ब्लाक के विभिन्न गांव में हो रहे सरकारी काम का
Young Writer, नौगढ़। मनरेगा योजना के तहत ग्राम पंचायतों में कराए जा रहे कार्यों का स्थलीय सत्यापन में निर्धारित श्रमिकों के सापेक्ष मौजूदगी नाकाफी ही रह रही है। जबकि पारिश्रमिक भुगतान मस्टररोल के अनुरूप कर दिया जा रहा है। जिसकी हकीकत से जिम्मेदार अधिकारी भी बेखबर हैं। इस बाबत जब खण्ड विकास अधिकारी से बात की गयी तो उन्होंने तत्काल जांच कराए जाने को कहा है।
नौगढ़ ब्लाक के ग्राम पंचायत विशेषरपुर में चार परियोजनाओं के तहत संचालित कार्य के लिए शुक्रवार को दुर्गा पाल के घर से रामकृत के घर तक व प्रेमनाथ के घर से अशोक के घर तक चकरोड पर मिट्टी डालने आदि के कार्य मे 34 श्रमिकों के नाम से मस्टररोल दर्ज पाया गया, जिसमें कार्यस्थल पर कोई भी मजदूर मौजूद नहीं मिला। ग्राम पंचायत जनकपुर में सामुदायिक शौचालय निर्माण कार्य में निर्धारित 54 श्रमिकों के सापेक्ष मात्र चार श्रमिकों की ही मौजूद मिले। ग्राम पंचायत गढवां मे इण्टरलांकिग व समतलीकरण कार्य में 94 श्रमिकों के बजाय मौके पर छह व तीन मजदूर ही कार्य करते हुए मिले। ग्राम पंचायत लक्षिमनपुर मे कुल 90 मनरेगा श्रमिको के नाम से जारी मस्टररोल मे पंचायत भवन में पांच व नाली चकरोड पर कोई भी मजदूर काम पर नहीं मिला। ग्राम पंचायत परसिया मे कृष्णावती व जैश्री के खेत का समतलीकरण कार्य करने के लिए ब्लाक से 55 श्रमिकों के नाम से मस्टररोल निकला था, लेकिन मौके पर कोई भी कार्य नहीं होना मिला। ग्राम पंचायत भैसौड़ा के पंचायत भवन निर्माण कार्य मे 16 मनरेगा मजदूरों से कार्य कराया जाना था, जहां पर तीन मजदूर ही काम करते हुए पाए गए। ग्राम पंचायत बसौली में हो रहे नाली व कूप जगत निर्माण कार्य में 54 मनरेगा मजदूर निर्धारित होने के बजाय 8 मजदूर ही कार्य कर रहे थे। खण्ड विकास अधिकारी ने बताया कि स्थलीय हकीकत की जानकारी जीपीएस लोकेशन के साथ संज्ञान में आयी है, जिसकी जांच कराई जाएगी। आरोप पुष्ट होने पर कार्य प्रभारी से स्पष्टीकरण लेने के साथ ही गैरहाजिर मनरेगा मजदूरों को पारिश्रमिक भुगतान के नाम पर राजकीय धन अदेय होगा।