Young Writer, चंदौली। अतीक अहमद और अशरफ अहमद की पुलिस की मौजूदगी में और टीवी कैमरों के सामने हुई हत्या बताती है कि भाजपा शासित उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है। उक्त बातें वामपंथी दलों के राज्यव्यापी आह्वान पर जिला मुख्यालय स्थित धरना स्थल पर कही। इसके बाद जिलाधिकारी कार्यालय मार्च निकालकर ज्ञापन सौंपा।
भाकपा (माले) माले जिला सचिव अनिल पासवान ने कहा कि प्रयागराज में पुलिस हिरासत में उत्तर प्रदेश के सजायाफ्ता अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ अहमद की टीवी कैमरों के सामने हुई हत्यायें खुल कर कह रही हैं कि भाजपा शासित उत्तर प्रदेश में कानून के राज का कोई स्थान नहीं है। हैरानी की बात है कि अतीक और अशरफ को इतने करीब जाकर गोली मारी गई तो पुलिस चुपचाप देखती रही और हत्यारों को उनका काम खत्म करके आत्मसमर्पण करने का इंतजार करती रही। माकपा नेता गुलाबचंद ने कहा कि झांसी में अतीक के बेटे की गैरन्यायिक हत्या के एकदम बाद अतीक और अशरफ की हत्यायें चौंकाने वाली हैं। भाकपा जिला सचिव कामरेड सुखदेव मिश्रा ने कहा कि 2006 में योगी आदित्यनाथ गोरखपुर से सांसद थे, तब संसद में उन्होंने स्पीकर सोमनाथ चटर्जी के सामने रोते हुये उत्तर प्रदेश में उनके साथ हो रहे तथाकथित उत्पीड़न की शिकायत की थी। आज वे सत्ता में हैं, उनकी सरकार ने विरोधियों के खिलाफ खुलेआम आतंक, बदले की कार्यवाही और उत्पीड़न व दमन का राज कायम कर दिया है। श्रवण मौर्य ने कहा कि कानून के राज के खात्मे के कारण सभी धर्मों और जातियों के नागरिक वहां दिनोंदिन और ज्यादा असुरक्षित जीवन जीने को अभिशप्त हो गये हैं। इस मौके पर अनिता कुमारी, इंकलाबी नौजवान, ठाकुर प्रसाद, हरिशंकर विश्वकर्मा, उमानाथ चौहान, रामबाबू सोनकर, सरोजा, मोहनलाल बरनवाल, सुचिता राम, तूफानी गोंड, राम भजन बिंद, कन्हैया यादव, रामप्यारे यादव शामिल रहे। अध्यक्षता भाकपा(माले) व शशिकांत सिंह ने किया।