शिक्षित व प्रशिक्षित युवाओं को रोजगार व ट्रेनिंग देंगी मीना सिंह
Young Writer, चंदौली। सलमान खान की फिल्म ‘जय हो’ जब आई तो उसने समाज, देश व दुनिया को एक उम्दा संदेश दिया। संदेश था मदद के बदले आगे तीन अन्य की मदद करके इस कड़ी को मजबूत व वृहद आकार देना। जिसे खूब सराहा गया। कुछ ऐसे ही मुहिम को इन दिनों मीना सिंह निकल पड़ी है। उन्होंने देश के गंभीर समस्या बनती जा रही बेरोजगारी को दूर करने का लक्ष्य लेकर युवाओं को रोजगार से जोड़ने की मुहिम का आगाज कर चुकी हैं, जिसकी आपैचारिक शुरुआत आठ मई को चंदौली में आयोजित रोजगार मेले से होगी। उक्त रोजगार मेला चंदौली छोटे सरकार की कुटिया प्रांगण में सुबह 10 बजे आयोजित होगा।
मीना सिंह द्वारा उन युवाओं को रोजगार देंगी तो शिक्षित व प्रशिक्षित हैं। उक्त रोजगार मेले में उन युवाओं को रोजगार से जोड़ने की पहल होगी, जो शिक्षित तो हैं लेकिन प्रशिक्षित नहीं। ऐसे युवाओं को प्रशिक्षित कर उनके कौशल को निखारा और संवारा जाएगा फिर उन्हें रोजगार से जोड़ने का काम किया जाएगा, ताकि आर्थिक रूप से सम्पन्न व स्वावलंबी बनाया जाएगा। इस बाबत मीना सिंह बताती हैं कि एक ऐसे बहुआयामी और बहुपयोगी सेंटर की स्थापना की जाएगी, जहां युवाओं को लर्न के साथ ही अर्न की सुविधा उपलब्ध होगी। खासकर महिलाओं व युवतियों के लिए सिलाई, कड़ाई व बुनाई का प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह प्रशिक्षण मात्र औपचारिक न होकर युवाओं को हर हाल में निपुण कराने वाला होगा। प्रशिक्षण का एक-एक क्षण ऐसा होगा, जो ट्रेनी के आगामी भविष्य को संवारने का काम करेगा। आज जिस स्तर पर बेरोजगारी बढ़ रही है और रोजगार के अवसरों का दायरा घट रहा है वह निःसंदेह चिंताजनक है। युवाओं के इन्हीं चिंताओं को दूर करने के लिए आज यह पहल की जा रही है ताकि ये खुद रोजगार से जुड़े और आगे चलकर दूसरों को रोजगार ऐसी की स्थिति को खुद प्राप्त करें, जिससे बेरोजगारी दूर करने की यह कड़ी बढ़ते समय व दायरे के साथ सशक्त होती जाए।
उन्होंने बताया कि रोजगार मेले में मेरे द्वारा संचालित रेस्टूरेन्ट, सिलाई, डिजाइन स्टूडियो, कान्हा ट्रेडिंग कम्पनी, आर्गेनिक फार्मिंग व हास्पीटल के लिए बेरोजगार युवाओं का चयन किया जाएगा। जो ट्रेंड हैं उन्हें सीधा रोजगार से जोड़ा जाएगा। वहीं जिन्हें ट्रेनिंग की जरूरत है वह प्रशिक्षण देकर उनके कौशल को निखारकर कुशल बनाया जाएगा। बताया कि रोजगार के साथ-साथ शिक्षा के क्षेत्र में काम करने की योजनाएं बनी है जिसे जल्द ही मूर्तरूप प्रदान किया जाएगा। गुरुकुल की स्थापना के पीछे मंशा यह है कि बच्चों को संस्कारयुक्त शिक्षा मिले और गुरु-शिष्य परम्परा के बीच को प्रगाढ़ व सशक्त किया जाएगा। साथ ही विद्यार्थियों को ज्ञान के महत्व की बारीकियों से अवगत किया जाएगा। आज शिक्षा के बाजारीकरण के दौर में गुणवत्तापरक शिक्षा देकर विद्यार्थियों को संस्कारवान व बेहतर नागरिक बनाने की नींव इन्हीं गुरुकुल में रखी जाएगी।