30.7 C
Chandauli
Tuesday, July 8, 2025

Buy now

मौनी अमावस्या: श्रद्धालुओं ने बलुआ तट पर लगाई आस्था की डुबकी

- Advertisement -

Young Writer, चहनियां। मौनी अमावस्या (माघ मेला) के अवसर पर बलुआ स्थित पश्चिम वाहिनीं गंगा तट पर श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगायी। इस दौरान गंगा में डुबकी लगाने वालों का आस्थावानों का जमावड़ा बलुआ गंगा तट पर दिखा। लोग स्नान दान का सिलसिला भोर से ही शुरू हो गया। इस दौरान गंगा तट पर उमड़ी भारी को नियंत्रित करने के लिए भारी संख्या में पुलिस फोर्स मुस्तैद नजर आयी। मौनी अमावस्या पर बलुआ स्थित पश्चिम वाहिनीं गंगा तट पर लाखों श्रद्धालुओं ने पतित पावनी मां गंगा में मौन रहकर आस्था की डुबकी लगायी। एक दिन पूर्व सोमवार को बटोर पर अन्य प्रान्त बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल व कई  जनपदों से आकर प्रसासन द्वारा बने रैन बसेरा, कालेजों, प्राथमिक विद्यालयो व रिश्तेदारी में ठहरे शृद्धालु भोर से स्नान का सिलसिला शुरू कर दिया।

कोहरे के कारण जनपद व क्षेत्र के लोगो का भीड़ सुबह 8 बजे के बाद चलना शुरू हुआ। लाखो की संख्या में लोगो ने मौन रहकर डुबकी लगायी। भीड़ को कंट्रोल करने के लिये चहनियां से बलुआ घाट तक भारी मात्रा में पुलिस फोर्स,महिला पुलिस फोर्स,पीएससी लगी रही। इसके अलावा गंगा सेवा समिति के अध्यक्ष दीपक जायसवाल अपने कार्यकर्ताओं संग लोगो की मदद में व खोया पाया केंद्र के माध्यम से मदद करने में लगे रहे। एसडीएम अजय मिश्रा, क्षेत्राधिकारी अनिरुद्ध सिंह, बलुआ थानाध्यक्ष मिथिलेश तिवारी व कई थानों के प्रभारी मेले में निगरानी के लिए चक्रमण करते रहे।

मौनी अमावस्या (माघ मेला) पर एक तरफ गंगा स्नान करने वालों की भीड़ तो दूसरी तरफ चहनियां से बलुआ तक लगी मेला में लोग खरीदारी करते नजर आये। बलुआ फील्ड में लगा झूला,चाट ,पकौड़ी,गुड़हिया जलेबी,मिष्ठान,फल,औरतों के श्रृंगार,बच्चो के मनोरंजन आदि के अलावा सील,लोढ़ा, ओखली,मुसर आदि की भी खरीदारी किया। 
स्वयं सेवी संगठनों,प्रधानों,देवेश हॉस्पिटल चहनियाँ समेत कई संस्थानों ने मेले में आये लोगो की मदद की। भीड़ इतनी थी कि आस्था के आगे कोबिड का डर पीछे रह गया। जगह जगह खोया पाया केंद्र,प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र द्वारा जगह जगह कैम्प की ब्यवस्था,जलनिगम द्वारा जगह जगह पानी की ब्यवस्था,पंचायत बिभाग द्वारा जगह जगह अस्थायी शौचालय बनवाया गया था ।

Related Articles

Election - 2024

Latest Articles

You cannot copy content of this page

Verified by MonsterInsights