Young Writer, चंदौली। यूपी सरकार के विशेष सचिव प्रफुल्ल कमल द्वारा अपने शासन में अधिवक्ताओं के प्रति अराजकतापूर्ण जैसे शब्दों के इस्तेमाल से आहत वकीलों ने डिस्ट्रिक्ट डेमोक्रेटिक बार सभागार में साधारण सभा की बैठक बुलाई। इस दौरान अध्यक्ष संतोष कुमार सिंह व महामंत्री शमसुद्दीन ने विशेष सचिव प्रफुल्ल कमल द्वारा अधिवक्ताओं को लेकर प्रयोग किए गए भाषा के प्रति आक्रोश जाहिर किया। कहा कि इससे सूबे के अधिवक्ता क्षुब्ध होने के साथ आक्रोशित हैं। अंत में इसके खिलाफ 20 मई को विरोध-प्रदर्शन करने का निर्णय लिया। हालांकि सूबे में अधिवक्ताओं के विरोध के कारण सरकार को यह शासनादेश वापस लेना पड़ा।
इस बाबत अध्यक्ष संतोष कुमार सिंह ने कहा कि विशेष सचिव द्वारा प्रेषित पत्र में सम्मानित अधिवक्तागण के बारे में अराजकता पूर्ण जैसे भाषा पर इस्तेमाल किया गया है। अधिवक्ताओं के प्रति टिप्पणी से समस्त अधिवक्ता क्षुब्ध है और सर्वसम्मति से एकमत होकर विशेष सचिव के उक्त टिप्पणी की घोर निन्दा व आलोचना करते हैं। कहा कि सरकारी सिस्टम में दिन प्रतिदिन भ्रष्टाचार बढ़ता चला जा रहा है। जिसके खिलाफ गरीब एवं कमजोर व्यक्तियों को न्याय दिलाने के लिए यदि अधिवक्ता मुखर होता है तो प्रदेश सरकार के अधिकारी उसे अराजकतापूर्ण कृत्य कहते हैं। प्रदेश शासन के उच्चाधिकारी विशेष सचिव के आदेश की निन्दा करते हुए जनपद चंदौली के अधिवक्ता 20 मई को प्रदर्शन करेंगे और कचहरी परिसर के सामने विशेष सचिव का पुतला दहन करेंगे। महामंत्री ने बताया कि विरोध-प्रदर्शन की जानकारी अधिवक्ता हाईकोर्ट व यूपी सरकार को प्रेषित करेंगे, ताकि इसे समय से संज्ञान में लिया जाए। बैठक में अजय कुमार सिंह, राजेंद प्रसाद पाठक, अनिल कुमार सिंह, आनन्द सिंह, पूर्व महामंत्री झन्मेजय सिंह व जयप्रकाश सिंह, ओमप्रकाश सिंह, जोगेन्द्र सिंह, योगेश कुमार सिंह, उज्ज्वल स्वरूप श्रीवास्तव एड0, सुल्तान अहमद, रीता भारती, साबिर अली, इन्द्रजीत सिंह, प्रवेश कुमार श्रीवास्तव, वीर बहादुर सिंह, गोविन्दा गोस्वामी, अभिनव आनन्द सिंह आदि उपस्थित रहे।