सरकारी काम में बाधा, तोड़फोड़ व गाली-गलोज का आरोप
Young Writer, चंदौली। यदि आप किसान हैं और आपकी धान क्रय केंद्र पर नहीं बिक रही है तो आप जिम्मेदार अफसरों का प्रतिकार करना चाहते हैं तो मुकदमा झेलने के लिए तैयार रहिए। जी हां! यह हम नहीं सदर कोतवाली में गुरुवार को जिला विपणन अधिकारी की तहरीर पर दर्ज एफआईआर की प्रतियां कह रही है। सदर कोतवाली पुलिस ने दो किसानों पर नवीन मंडी में तोड़फोड़, सरकारी काम में बाधा, गाली-गलौज व धमकाने की धाराओं में मामला दर्ज किया है। दिलचस्प यह कि उक्त एफआईआर ठीक उस वक्त दर्ज हुई जब गुरुवार को नवीन मंडी के बाहर चक्काजाम कर रहे किसान हाइवे से हटे। उनके हटते ही सदर कोतवाली पुलिस ने डिप्टी आरएमओ की तहरीर को एफआईआर में तब्दील कर विवेचना का जिम्मा विजय प्रताप सिंह को सिपुर्द कर दिया है।
सदर कोतवाली में दी गयी तहरीर में डिप्टी आरएमओ अनूप श्रीवास्तव ने उल्लिखित किया कि वह बीते 29 दिसंबर को नवीन मंडी में संचालित भारतीय खाद्य निगम के क्रय केंद्र के निरीक्षण पर थे। वह जब क्रय केंद्र पहुंचे तो वहां प्रभारी प्रेमकिशन बिंद मौजूद थे तथा उस वक्त वहां केंद्र प्रभारी व किसानों के बीच विवाद चल रहा था। मौके पर पड़या निवासी पवन व हिनौती गांव निवासी संजय क्रय केंद्र पर विवाद कायम किए हुए थे। विवाद की स्थिति को देख किसानों को समझाने का प्रयास किया गया, लेकिन पवन व संजय द्वारा डिप्टी आरएमओ से अभद्रता की गयी। साथ ही वहां मौजूद कुर्सी-टेबल तोड़फोड़ दिया गया। आरोप लगाया कि उक्त किसानों द्वारा अपशब्दों का प्रयोग करने के साथ धक्का-मुक्की व जान से मारने की धमकी भी दी गयी। उन्होंने उक्त पूरे घटनाक्रम का वीडियो भी सदर कोतवाली पुलिस के हवाले कर दिया है। अपनी तहरीर में डिप्टी आरएमओ ने उक्त किसानों के कृत्य को आपराधिक करार देते हुए सरकारी कामकाज में बाधा डालने का भी आरोप लगाया गया है। उनकी तहरीर पर सदर कोतवाली पुलिस ने दो लोगों के खिलाफ नामजद मुकदमा पंजीकृत किया है। कोतवाल अनिल पांडेय ने बताया कि डिप्टी आरएमओ द्वारा उपलब्ध करायी गयी वीडियो की जांच कर आगे की कार्यवाही की जा रही है।
किसानों पर मुकदमा करना अनुचितः रामकिशुन
चंदौली। पूर्व सांसद रामकिशुन यादव ने कहा कि सरकार धान की खरीद सुनिश्चित कर ले तो किसानों के अंदर असंतोष व आक्रोश पैदा होने की गुजाइंश स्वतः समाप्त जाएगी। लेकिन इसके लिए सरकार व अधिकारी मिलकर किसानों को बर्बाद करने पर तुले हैं। किसानों की धान खरीद पाने में अक्षम अधिकारी मुकदमा कायम कर उनका उत्पीड़न कर रहे हैं जो किसी भी दृष्टिकोण से न्यायोचित नहीं है। ऐसी कार्यवाही की बजाय अफसर क्रय केंद्रों पर निर्वाध गति से धान खरीद करें। कहा कि ऐसे वक्त में जब किसान धान बेचने के सड़क पर उतरा हो उनके खिलाफ मुकदमा कायम करने का कोई औचित्य नहीं है। आरोप लगाया अफसर किसानों के हित की अनदेखी कर रहे है जो किसी भी हाल में बर्दाश्त एवं स्वीकार्य नहीं है।