आधार कार्ड व पैन कार्ड के जरिए धनी ऐप से लेते थे लोन
चंदौली। सदर कोतवाली व स्वाट टीम ने संयुक्त कार्यवाही कर साइबर ठगी करने वाले गिरोह का फंडाफोड किया। इस पुलिसिया कार्यवाही में गिरोह का सहगना समेत कुल छह साइबर ठग पुलिस के हत्थे चढ़े। जिनके पास से ठगी का करीब एक लाख रुपये नकद समेत साइबर ठगी में इस्तेमाल होने वाला लैपटाप, मोबाइल, एटीएम व अन्य उपकरण बरामद हुआ। पुलिस के मुताबिक साइबर ठग आधार व पैन कार्ड कार्ड का दुरुपयोग कर साइबर ठगी की घटना को अंजाम देते थे। फिलहाल पुलिस सभी आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज जांच में जुटी है। उक्त मामले का एएसपी सुखराम भारती ने बुधवार को पुलिस लाइन सभागार में खुलासा किया है।
एएसपी ने बताया कि पिछले दिनों एक व्यक्ति ने धनी ऐप के जरिये 10 हजार रुपये लोन के फर्जीवाड़े की शिकायत की। पीड़ित द्वारा बताया गया कि उसके आधार कार्ड, पैन कार्ड का इस्तेमाल करके किसी अज्ञात व्यक्ति ने मेरे व मेरे पुत्र के नाम पर धनी ऐप से लोन लेकर गबन कर लिया है। इस बात जब बैंक की तरफ से उन्हें रिकवरी के लिए नोटिस भेजा तो इसकी जानकारी पीड़ित को हुई। जबकि उसने किसी प्रकार का कोई लोन नहीं लिया है। इस पूरे मामले की जांच साइबर सेल ने की गिरोह द्वारा साइबर ठगी का मामला पटल पर आया। पुलिस द्वारा पकड़े गए गिरोह के सदस्यों में एक सदस्य फाइनेंसियल एडवाइजर भी शामिल है, जो लोगो के काम कराने के नाम उन्हे विश्वास मे लेकर उनका आधार कार्ड व पैन कार्ड ले लेता था। इसके अलावा गैंग के सरगना और वाराणसी में ओला संचालक दिलीप सिंह भी ओला में लगे वाहनों के मालिक व चालकों के आधार व पैन का डाटा उपलब्ध कराता है, जिसका इस्तेमाल लोन स्वीकृत कराकर, धनी वालेट में प्राप्त लोन को यूपीआई के माध्यम से अपने खाते में ट्रांसफर कर लेते हैं। पुलिस ने इनके पास से 94920 रुपये नकद, 13 पासबुक, 3 वोटर कार्ड, 20 मोबाइल, 16 चेकबुक, 10 पैन कार्ड, 35 सिम कार्ड 35, 42 डेबिट कार्ड, 36 आधार कार्ड, 9 ड्राइविंग लाइसेंस, लैपटाप, पेटीएम मशीन, गूगल पे क्यूआर कोड बरामद किया है। गिरफ्तार अभियुक्तांे में दिलीप सिंह, धीरज कुमार, नारायण कुशवाहा, राहुल सिंह, अजीत कुमार मौर्य, प्रांजल पाण्डेय शामिल है।