Young Writer, चंदौली। इंडियन बैंक लाकरों में सेंधमारी करने वाले चोरों की जमानत याचिका मंगलवार को सुनवाई के लिए जनपद एवं सत्र न्यायाधीश ज्योति कुमार त्रिपाठी की अदालत में पेश हुई। इस दौरान जिला जज ने मुकदमा अपराध संख्या 33/2022 में निरूद्ध आरोपी आलोक कुमार व पूजा के जमानत प्रार्थना-पत्रों को निरस्त कर दिया।
ज्ञात हो कि बीते 31 जनवरी को वादी मुकदमा इंडियन बैंक के शाखा प्रबंधक मनीष कुमार द्वारा तहरीर देकर बैंक शाखा में चोरी होने की सूचना दर्ज कराई थी। शाखा प्रबंधक ने अपनी तहरीर में इस बात का उल्लेख किया था कि बैंक शाखा के सफाई कर्मी अखिलेश कुमार चौबे द्वारा शाखा खोला गया तो अंदर कैल वाल्ट रूम का दरवाजा टूटा हुआ था। फायर अलार्म व सभी सिक्युरिटी कैमरा टूटे पाए गए। वाल्ट रूम के अंदर कैमरे व लॉकरों को तोड़कर अंदर का सामान निकाला गया था। वाल्ट रूम के अंदर चांदी के गहने व अन्य सामान बिखरा पाया गया। हालांकि नकदी सुरक्षित पाया गया। चोरी की घटना में कुल 40 लॉकर टूटे पाए गए। उक्त मामले में जांच व तफ्तीश के दौरान पुलिस कर्मियों द्वारा बीते 15 फरवरी को सहअभियुक्त डुग्गू, पवन शाहा, मिट्ठू मण्डल उर्फ मिथुन मण्डल व गौरव कुमार मण्डल को गिरफ्तार किया गया, जिनके पास से उक्त घटना से सम्बंधित पीली धातु के आभूषण आदि बरामद हुए। वर्तमान में आरोपी पूजा व आलोक कुमार का नाम प्रकाश में आना दर्शित है जिसके आधार पर अभियुक्तों की गिरफ्तारी व जामा तलाशी पर सफेद धातु के आभूषण आदि बरामद हुआ। न्यायालय में सुनवाई के दौरान अभियोजन द्वारा यह भी कहा गया कि गिरफ्तार आरोपियों के पास से आभूषणों की बरामदगी तथा सर्विलांस से आरोपियों के बातचीत के आधार पर ही गिरफ्तारी हुई है। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद जिला एवं सत्र न्यायाधीश ज्योति कुमार त्रिपाठी ने अपराध को गम्भीर प्रकृति का मानते हुए दोनों अभियुक्तों का जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त कर दिया। अभियोजन की तरफ से जिला शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक शशि शंकर सिंह, सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता अवधेश कुमार पांडेय ने तर्क प्रस्तुत किया।