चन्दौली। जनपद के सकलडीहा थाने में दर्ज हत्या के मामले में सुनवाई करते हुए जनपद एवं सत्र न्यायाधीश ज्योति त्रिपाठी ने आरोपियों को दोषी कराया दिया। उन्होेंने अभियोजन पक्ष की मजबूत दलील, गवाहों के बयान, चिकित्सकीय प्रपत्रों, पोस्टमार्टम रिपोर्ट तथा कपड़े व कारतूस आदि के रासायनिक परीक्षण के समग्र विश्लेषण के मद्देनजर दोषसिद्ध करार देते हुए आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही प्रत्येक को दस हजार रुपये का अर्थदण्ड भी लगाया। अर्थदण्ड अदा न कर सकने की स्थिति में 6-6 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना पड़ेगा। अभियोजन की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी शशि शंकर सिंह व सहायक शासकीय अधिवक्ता अवधेश पांडेय ने तर्क प्रस्तुत किया। विदित हो कि वादी राकेश कुमार श्रीवास्तव द्वारा दिए गए प्रार्थना पत्र कि उल्लेखित है कि उसका भाई राजेश कुमार श्रीवास्तव सकलडीहा तहसील में बतौर चैनमैन (कानूनगो का चपरासी) कार्यरत था। जब वह दिनांक 28 दिसंबर 2001 को ड्यूटी करके घर जा रहा था कि रास्ते में राजा गिरी निवासी बभनियांव, गुड्डू सिंह उर्फ राजनाथ सिंह निवासी डेढ़गांवा, बच्चा उर्फ धर्मेंद्र व जय प्रकाश निवासी गौसपुर राजेश श्रीवास्तव को अपने साथ डेढ़गांवा मंदिर के पास कुटिया में ले गए, जिसे आसपास के लोगों ने देखा व पहचाना था। आठ बजे रात्रि में कादिराबाद स्कूल पंचायत भवन के पास सिर में गोली मार दिए, जिससे उसकी मृत्यु हो गयी। उपरोक्त प्रकरण में विवेचना के उपरांत उपरोक्त मुल्जिमानों की संलिप्तता पाए जाने पर अदालत में उनके विरुद्ध आरोप पत्र दाखिल हुआ। उक्त मुकदमे के विचारण के समय अभियुक्त राजा गिरी की मृत्यु हो चुकी है।