ठंड में शिशुओं को बीमारियों की आशंका होती है ज्यादा
Young Writer, चंदौली। बढ़ती सर्दी में बच्चों को बीमारियों की आशंका ज्यादा बढ़ जाती है। खासतौर पर छह साल की उम्र के बच्चे जो को विशेष ख्याल रखने की आवश्यकता होती है। छोटी लापरवाही ही बड़ी बीमारी को आमंत्रित कर सकती है। इसके लिए बच्चों को पर्याप्त गर्म कपड़े पहनाने और उनके खानपान पर विशेष ध्यान देना होगा। यह सलाह राजकीय महिला चिकित्सालय के बालरोग विशेषज्ञ डा. राजेश अगारिया ने दी है।
उन्होंने बताया कि नवजात व एक साल के कम उम्र के बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है। इस कारण वह विभिन्न बीमारियों की गिरफ्त में आसानी से आ जाते हैं। घटते तापमान में बच्चों को नियमित टोपी, दस्ताने एवं मोजे पहनाना चाहिए। ठंडी फर्श पर नंगे पैर नहीं चलने दें। रात में बच्चों का कमरा हल्का गर्म रखें। कहा कि ठंड के मौसम में नवजात शिशु व बच्चों को सर्दी-जुकाम के अलावा बुखार, उल्टी, दस्त, स्किन इंफेक्शन या रैशेज और फुंसियां, पेटदर्द, ड्रायकफ, डिहाइड्रेशन, निमोनिया, वायरल इंफेक्शन भी हो सकते हैं इसलिए अगर शिशु को हल्का बुखार आए या जुकाम हो तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें बीमारी में भी शिशु को स्तनपान कराते रहे। साथ ही ठंड के मौसम में बच्चों को हरी सब्जियां, फल, सब्जियों एवं दूध से बनी चीजें खिलाने चाहिए द्य ठंड में बच्चे पानी कम पीते हैं, जिसकी वजह से उन्हें कब्ज की शिकायत हो सकती है। इसलिए समय-समय पर गुनगुना पानी देते रहें।
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बच्चों को लेकर विशेष सावधानी बरतने की जरूरत
चंदौली। ठंड के मौसम में बच्चों को लेकर विशेष सावधानी बरतनी की जरूरत है। जिन बच्चों को सांस लेने की दिक्कत होती हैं। उन्हें धूल, धुएं और फ्लावरिंग से दूर रखे। दो या तीन गर्म कपड़े पहनाएं, क्योंकि परत दर परत कपड़े ठंड से बचाव करती है। लेकिन बच्चे को कड़क और चुभने वाले कपड़ों की जगह नरम कपड़ों की तीन लेयर पहनाएं। इसमें बनियान या शमीज जैसा कोई कपड़ा, एक पूरी बांहों का कोई टीशर्ट या ऊपरी कपड़ा और एक नर्म पजामा या ज्यादा ठंड हो तो गर्म और एक स्वेटर पहनाएं। दिन में और रात में सोते समय हल्के कपड़े ही पहनाए मोजे, टोपी आदि उतार दें बच्चों की डाइट संतुलित रखें और ठंडा खाना बिल्कुल न दें।