6.3 C
New York
Wednesday, February 5, 2025

Buy now

आज भी कर्मनाशा नदी के जल से बुझती है हथिनी गांव की प्यास

- Advertisement -

पेयजल संसाधनों के अभाव में हरदिन जद्दोजहद करते हैं हथिनी गांव के ग्रामीण

Young Writer, नौगढ़। जल ही जीवन है और यदि यही जल जद्दोजहद से मिले तो यह स्पष्ट है कि आम आदमी का जीवन भी हर दिन जद्दोजहद के साथ कट रहा है। कुछ ऐसे ही जद्दोजहद के बीच नक्सल प्रभावित नौगढ़ के हथिनी गांव ग्रामीण जैसे-तैसे गुजर बसर करते चले आ रहे हैं। आज आधुनिकता के चकाचौंध के बीच जहां शासन-प्रशासन विकास के बड़े-बड़े दावे कर रहा है, वहीं आम भी समाज के अंतिम पायदान पर खड़े आम आदमी का जीवन किस किदर दुश्वारियों से भरा हुआ है। हथिनी गांव के ग्रामीणों की दिनचर्या और उनके जद्दोजहद को देखकर आसपास से समझा जा सकता है, जहां के ग्रामीणों के पेयजल का मुख्य स्रोत कर्मनाशा नदी का पानी है। ऐसा लगता है कि मानो शासन-प्रशासन उक्त गांव के लोगों की सुधि लेना ही भुल गया है। ऐसे में विकास की बातें हथिनी गांव के लोगों के लिए अब तक पूरी तरह से बेमानी साबित हो रही है।

नौगढ़ क्षेत्र के हथिनी गांव में लम्बे असरे से खराब पड़ा हैंडपम्प।

गर्मी का मौसम अब पूरी तरह से अपने पिक पर है। ऐसे में पेयजल के लिए संकट उत्पन्न होना स्वाभाविक है। नगरीय, कस्बाई व ग्रामीण इलाकों में पेयजल की किल्लत उत्पन्न हो जाती है। लेकिन नौगढ़ के पहाड़ों पर गर्मी का मौसम अपने साथ कई दुश्वारियां लेकर आता है। यहां पेयजल के भौतिक संसाधनों का जबरदस्त अभाव है। ऐसे में प्राकृतिक संसाधनों पर ही आज भी अधिकांश आबादी आश्रित है, जो गर्मी के मौसम में सूख जाते हैं और इसी के साथ वहां निवासरत आबादी की मुश्किलें भी बढ़ जाती है। मंगरही ग्राम पंचायत अंतर्गत आने वाला राजस्व गांव हथिनी इनमें से एक है। जहां कर्मनाशा नदी के पास बसा है और यही कर्मनाशा नदी इन गरीब ग्रामीणों के प्यास को बुझाती चली आ रही है। यह सुनकर आश्चर्य होना लाजिमी है, जिस दौर में लोग पानी को आरओ मशीन से छानकर पीने के आदि हो गए हैं। ऐसी आधुनिकता के बीच हथिनी के ग्रामीण कर्मनाशा नदी के जल से अपने जीवन को सींचते चले आ रहे हैं। ऐसा करना उनका शौक नहीं, बल्कि मजबूरी है। जल स्रोत के भौतिक संसाधनों की बात करें तो यहां दो हैंडपम्प शासन ने स्थापित किए, जो मरम्मत व रखरखाव के अभाव में कई वर्षों से खराब व निष्प्रायोज्य पड़े हुए है। इसके अलावा तीन कुएं भी गांव में मौजूद है, लेकिन इन कुंओं का पानी भी प्रदूषित हो चुका है। ऐसे में कर्मनाशा नदी का जल इस गांव के लोगों के प्यास बुझाने का अंतिम विकल्प बचा है। ग्रामीण दो किलोमीटर पैदल चलकर नदी तक जाते हैं और उतनी ही दूरी तय करके गांव लौटते हैं। ऐसे में कई बार नदी का पानी पीने से कई ग्रामीण बीमार भी चुके हैं। बावजूद इसके उनकी समस्या और फरियाद पर किसी ने गौर नहीं किया।

सरकारी तंत्र ने नहीं सुनी ग्रामीणों की फरियाद
नौगढ़। क्षेत्र के मंगरही ग्राम पंचायत अंतर्गत आने वाले हथिनी गांव के ग्रामीणों
का कहना है कि उन्हें हर बाद आश्वासन देकर छला जाता है। कभी ग्राम पंचायत के चुनाव में उन्हें सुविधाएं व सहूलियत देने के वादे होते हैं तो कभी विधानसभा व लोकसभा चुनाव मे गांव के विकास की बात कही जाती है, लेकिन आज तक न तो जनप्रतिनिधियों ने हथिनी गांव की दशा को बेहतर बनाने का प्रयास किया और ना ही प्रशासनिक अमले ने भी इस ओर ध्यान दिया। ग्रामीणों ने पेयजल जैसी गंभीर समस्या के निदान के लिए प्रधान व तहसील दिवस में अफसरों से फरियाद लगाई, लेकिन उनकी शिकायत को संज्ञान में नहीं लिया गया नतीजा आज भी गांव के लोग कर्मनाशा नदी से पानी ढोकर अपने घरों तक लाने को विवश हैं। गर्मी में यदि नदी का पानी सूख गया तो ग्रामीणों की मुश्किलें कई गुना बढ़ जाएगी। ऐसे में ग्रामीणों ने एक बार फिर प्रशासनिक अमले के साथ ही जनप्रतिनिधियों से यह उम्मीद जताई है कि अबकी बार उन्हें पेयजल के लिए नए संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे, ताकि उनकी दिक्कत व दुश्वारियां दूर हो सके।

Related Articles

Election - 2024

Latest Articles

You cannot copy content of this page

Verified by MonsterInsights