सात यूनिट के सापेक्ष महिला को मात्र तीन यूनिट का मिलता है लाभ
Young Writer, इलिया। चकिया तहसील क्षेत्र में खाद्य आपूर्ति विभाग भ्रष्टाचार व अनियमितताओं की जद में आ गया है। यहां कागजी आंकड़ों में हेर-फेर कर जहां गरीबों के लिए बनी योजनाओं का कोटेदार और कतिपय कर्मचारी-अधिकारी लाभ रहे हैं, वहीं गरीबों को सस्ते दर व निःशुल्क उपलब्ध सेवाओं से वंचित है। ताजा मामला शहाबगंज ब्लाक क्षेत्र के रोहाखी का है जहां अनुसूचित जाति की महिला कार्डधारक रमावती पत्नी छब्बू के पात्र गृहस्थी कार्ड संख्या-219640607847 में दो अज्ञात नाम दर्ज है। इन दो यूनिट का राशन कोटेदार उन्हें नहीं देता, जबकि उनके कार्ड में कुल सात नाम दर्ज हैं। इन्हें मात्र तीन यूनिट के हिसाब से राशन मिलता है। आरोप है कि शेष राशन कोटेदार रख लेता है।
दिलचस्प बात यह है कि रमावती अनुसूचित जाति की हैं और उनके राशनकार्ड में निखिल पांडेय व संदीप का नाम दर्ज है, जो सामान्य जाति के हैं। यह अपने आप में ही विधि-विरूद्ध व कागजों में हेर-फेर को प्रदर्शित करता है। हालांकि यह नाम कैसे दर्ज हुए और इन दो यूनिट का राशन क्या होता है इसके बारे में रमावती को आज तक पता नहीं है। ऐसे में संदेह की सुई गांव के कोटेदार की तरफ जाना लाजिमी है। उसी गांव की कार्डधारक नीलम भी कुछ ऐसी ही समस्याएं गिना रहीं है जिनके राशन कार्ड संख्या-219640526991 में तीन अज्ञात नाम दर्ज है जिनके बारे में वह नहीं जानती और ना ही उक्त तीनों यूनिट का लाभ उन्हें कोटेदार से मिलता है। फिलहाल वह मात्र एक यूनिट का लाभ प्राप्त कर रही हैं। फिलहाल यह बड़ा झोल है जिसकी यह मात्र एक छोटी नजीर है। ऐसी बहुत से गड़बड़ियां है जो कोटेदारों द्वारा आपूर्ति विभाग के कतिपय कर्मचारियों व अधिकारियों के साथ मिलीभगत करके अस्तित्व में लायी गयी है, जिससे गरीबों के लिए चल रही योजनाओं गरीबों के ही पहुंच से दूर है। फिलहाल इस बाबत चकिया तहसील की आपूर्ति निरीक्षक ममता सिंह ने बताया कि यदि पीड़िता कार्डधारक द्वारा इसकी शिकायत दर्ज करायी जाती है तो उसके राशन कार्ड से उसके परिवार के इतर दर्ज हुए नामों को खारिज करने की कार्यवाही की जाएगी। साथ ही शिकायत पर संबंधित कोटेदार के खिलाफ जांच कर उचित विभागीय कार्यवाही के साथ ही ग्रामीणों की मांग पर रिकवरी जैसी कार्यवाही की जाएगी। फिलहाल इस तरह की कोई भी शिकायत मुझे प्राप्त नहीं है। शिकायत के बाद ही विभाग कोई कदम उठाएगा। उधर‚ इस सम्बन्ध में जिला पूर्ति अधिकारी कार्यालय के लिपिक कुशल ने बताया कि अगर इस तरह के शिकायत की पुष्टि होती है तो संबंधित कोटेदार की प्रतिभू राशि जब्त करने के साथ ही विभागीय कार्यवाही को अमल में लाया जाएगा। साथ ही उक्त राशन कार्ड से नाम काटने की प्रक्रिया फौरी तौर पूर्ण की जाएगी।