बुनकरों की सुविधाओं को गंभीरता नहीं लेते जनप्रतिनिधि
Young Writer, मुगलसराय। मुगलसराय विधानसभा क्षेत्र के ग्राम सतपोखरी, भीसौड़ी, मलोखर, हरिशंकरपुर, सकूूर का भट्टा आदि क्षेत्र में हजारों की संख्या में बुनकर रहते हैं जिनकी जीविका पुश्तैनी बुनाई पर आधारित है जो मूलभूत सुविधाओं की समस्याओं से जूझने के साथ ही रोजगार से जूझ रहे हैं। उपरोक्त क्षेत्र में तीन दशक से पूर्व पड़ोसी जनपद बनारस से भारी संख्या में आकर दुल्हीपुर क्षेत्र के विभिन्न गांव में बसने लगे कुछ बनकर मऊ से भी आकर बसे। वर्तमान में बुनकरों की तादाद लगभग 40000 के आसपास है जो यहां भी अपना पुश्तैनी कारोबार हथकरघा, पावर लूम व दर्दाेजी का कार्य करने लगे जो अब मूल रूप से उपरोक्त गांव के ही निवासी हैं।


इनकी राजनीति में भी भारी भागीदारी होती है लेकिन इन्हें सुविधा की बात की जाए तो यह राशन कार्ड, नाली, खड़ंजा सहित रोजगार के बाबत सरकार से मिलने वाली सहायता के लिए जूझ रहे हैं जैसे-तैसे इनका जीवनयापन हो करा है। इस बाबत बुनकर चिराग अली ने कहा कि चुनाव के दौरान विधायक पद के प्रत्याशी क्षेत्र में दिन-रात दौरा कर अपने पक्ष में मतदान करने की अपील करते हैं, लेकिन चुनाव बाद उनका दीदार करना मुश्किल हो जाता है। इसी क्रम में बुनकर अज़ादार हुसैन ने कहा कि विधायक ऐसा होना चाहिए जो सभी क्षेत्र का विकास करें वह जनता से चुनाव में उम्मीद लगाए रहते हैं उन्हें भी चुनाव जीतने के बाद जनता का ख्याल रखना चाहिए। नसीम अंसारी ने कहा कि बुनकरों को सरकारी सहायता नहीं मिल पा रही है जिससे उनकी हालत दिन-प्रतिदिन खराब होती जा रही है चुनाव में बड़े-बड़े वादे किए जाते हैं लेकिन चुनाव के बाद जनप्रतिनिधि बुनकरों की सुधि लेना जरूरी नहीं समझते।