Young Writer, कमालपुर। क्षेत्र के महुजी गांव के ग्रामीणों ने शनिवार को चकबंदी की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। कहा कि 2002 में चकबंदी का गजट होने के बाद भी अब तक चकबंदी नहीं हुई, जिससे रास्ता, चकमार्ग, चकनाली समेत विकास से जुड़ी बहुत सी परियोजनाएं अधर में पड़ी है, जिससे लोगों को आवागमन सहित तमाम तरह की दिक्कतें आ रही है। चेताया कि यदि जल्द गांव में चकबंदी प्रक्रिया प्रांरभ नहीं हुई तो हम सभी आंदोलन करने को विवश है।
इस दौरान ग्रामीणों कहा कि चकबंदी के बिना न तो स्कूल तक जाने का रास्ता बंद पाया है और ना ही गांव के बस्तियों व मोहल्लों में जाने के लिए रास्ता है। इसके अलावा स्वास्थ्य केंद्र, पानी टंकी आदि के निर्माण के लिए जगह नहीं मिल पा रही है। इसके अलावा लोगों के चक इधर-उधर बिखरे हैं जिन्हें चकबंदी से एक जगह लाया जा सकता है। साथ ही सार्वजनिक उपयोग व निर्माण कार्य के लिए जमीन की उपलब्धता चकंबदी प्रक्रिया से ही मिल सकती है। बावजूद इसके जिम्मेदार महकमा के लोग मौन साधे हुए हैं। निषाद बस्ती के लोगों ने कहा कि आज यदि बारिश हो जाए तो लोगों के आवागमन के लिए रास्ता ही नहीं रहता। फिसलन के कारण लोग गिरकर चोटिल हो जाते हैं। वहीं इस बीच कोई बीमार हो जाए तो उन्हें खाट पर लादकर गांव से बाहर ले जाना पड़ता है। चकबंदी नहीं होने के कारण गांव का विकास रुका हुआ है, जिससे महुजी गांव के लोग पशु समान जीवन जीने को विवश हैं।