Young Writer, चहनियां। गंगा के जलस्तर 18 दिन के बाद फिर बढ़ने लगा है। बिगत तीन दिनों में करीब 50 सेंटीमीटर के ऊपर पानी बढ़ा है। मन्दिर पुनः डूबने के साथ फिर से महिला चेंजिंग रूम आधा डूब गया है। तटवर्ती गांव के ग्रामीणों में फिर से दहशत दिखने लगा है।
गंगा के जलस्तर में 18 जुलाई से पानी धीरे धीरे बढ़ना शुरू हुआ। 11 दिनों तक लगातार बढ़ोतरी के बाद बलुआ स्थित पश्चिम वाहिनीं गंगा तट पर बना मन्दिर पूरा डूबने के साथ महिला चेंजिंग रूम भी डूब गया था। शमशान घाट को पानी अपने आगोश में ले लिया था। 1 अगस्त से पानी के घटने का क्रम शुरू हो गया। करीब चार पांच दिनों में घाट पर बना मन्दिर फिर से दिखने लगा था। दोनों महिला चेंजिंग रूम से पानी काफी नीचे चला गया था। 18 दिन बाद फिर से गंगा जलस्तर में बढ़ोतरी शुरू हो गयी है। गत तीन दिनों में पानी करीब 50 सेंटीमीटर बढ़ा है। बलुआ स्थित पश्चिम वाहिनीं गंगा तट पर बना मन्दिर फिर से पूरा डूबने के बाद दोनो महिला चेंजिंग रूम आधा डूब गया है। पानी घटने पर गंगा तट के किनारे बसे गांव कांवर, महुअरिया, बिसुपुर, महुआरी खास, सराय, बलुआ, डेरवा, महुअर कला, हरधन जुड़ा, बिजयी के पूरा, गणेश पूरा, टाण्डाकला, बड़गांवा, तीरगांवा, हसनपुर, नादी निधौरा आदि गांवों के किसानों व ग्रामीणों ने राहत की सांस ली थी किन्तु फिर से तेजी से जलस्तर बढ़ने से गंगा कटान की चिन्ता सताने लगी है। अब तक उक्त गांवो के किसानों की हजारो एकड़ उपजाऊ जमीन गंगा में समाहित हो चुकी है। ग्रामीणों का कहना है कि पानी का रफ्तार फिर से बढ़ने लगा है। गंगा कटान रोकने का प्रयास केवल हवा हवाई साबित हुई है।