34.1 C
Chandauli
Wednesday, July 9, 2025

Buy now

मनरेगाः लबालब भरे तालाब की कागज पर कर दी करिश्माई खुदाई

- Advertisement -

अरारी ग्राम पंचायत की ओर से कागज पर दिखाया जा रहा है तालाब खुदाई कार्य

Young Writer, इलिया। मनरेगा योजना के ग्रामीण अंचलों के विकास व रोजगार से जुड़ी एक अतिमहत्वपूर्ण योजना है। लेकिन यह योजना ग्रामीण इलाकों में हो रहे कागजी व फर्जी काम की भेंट चढ़ती नजर आ रही है। इससे जहां गांव में विकास कार्य जहां स्थगित नजर आ रहा है। वहीं गरीब ग्रामीण गांव में रोजगार पाने की गारंटी से भी वंचित है। साथ ही साथ इस योजना पर सरकारी धन का दुरूपयोग भी हो रहा है। इसका ज्वलंत उदाहरण शहाबगंज ब्लाक स्थित अरारी ग्राम पंचायत स्थित तालाब है जहां आरोप है कि तालाब के पानी से लबालब भरा होने के बावजूद उसकी खुदाई का कार्य चल रहा है। यह बात दीगर है कि यह करिश्माई खुदाई कागजों पर चल रही है जिसका कागज भी बकायदा मेनटेन किया गया है यानि जो तालाब पानी से लबालब भरा है उसकी खुदाई का मस्टररोल भी मनरेगा की वेबसाइट पर दर्ज किया गया है।

अरारी गांव में तालाब खुदाई से संबंधित जारी मस्टररोल।

मनरेगा वेबसाइट पर दर्ज मस्टररोल के मुताबिक अरारी ग्राम पंचायत स्थित सरोवर की खुदाई के लिए आईडी जनरेट की गयी है। आईडी संख्या-3171008065/डब्लूसी/ 958486255823313750 के तहत पहला मस्टररोल छह जुलाई से 19 जुलाई तक का है जिसमें 70 मजदूरों को तालाब की खुदाई में कार्यरत दिखाया गया है। इसके बाद दूसरा मस्टररोल 30 जुलाई से 12 अगस्त के लिए जारी किया गया है, जिसमें 70 मजदूरों का काम करना प्रदर्शित है। इसके विपरीत गांव स्थित तालाब की भौतिक स्थिति कुछ और ही बया कर रही है। तस्वीर में स्पष्ट है कि वह बारिश के पानी से लबालब भरा हुआ है। साथ ही उसके किनारों पर भी कोई नया कार्य होना प्रदर्शित नहीं है। अब सवाल यह उठता है कि जब अरारी गांव स्थित तालाब पर काम नहीं हुआ तो मनरेगा वेबसाइट पर मस्टररोल कैसे जारी हो गया है। प्रथम दृष्टया जो मौके की स्थिति है उसे देखकर यही अंदाजा लगाया जा रहा है कि तालाब की खुदाई धरातल पर न होकर कागजी की गयी है, जिससे सरकारी धन के दुरूपयोग की आशंका बनी हुई है। वहीं ग्राम पंचायत के उन गरीब मजदूरों को काम से वंचित कर दिया गया है जो मनरेगा योजना के तहत मजदूरी करके अपने परिवार की आजीविका चलाते हैं। साथ ही तालाब की खुदाई का कार्य हुआ ही नहीं है जिसके होने से तालाब में जल संचय की योजना भी फलीभूत होती। लेकिन सरकार धन के दुरूपयोग व बंदरबांट की मंशा के कारण किए गए झोल के कारण ग्राम पंचायत को विकास से वंचित रखा गया है। इस बाबत सीडीओ अजितेंद्र नारायण ने कहा कि प्रकरण मेरे संज्ञान में नहीं है। बीडीओ शहाबगंज से अरारी ग्राम पंचायत स्थित तालाब का निरीक्षण कराया जाएगा। आरोप की पुष्टि होने के उपरांत कठोर विभागीय कार्यवाही अमल में लायी जाएगी। हालांकि इस प्रकरण को लेकर बीडीओ दिनेश सिंह ने कहा कि यदि ऐसा है तो मामले का स्थलीय जांच करके मस्टररोल को शून्य कर दिया जाएगा, ताकि सरकारी धन का दुरूपयोग ना होने पाए।

Related Articles

Election - 2024

Latest Articles

You cannot copy content of this page

Verified by MonsterInsights