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Tuesday, July 1, 2025

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गंभीर समस्याः …आखिर कब और कैसे मिलेगी चंधासी की धूल से निजात

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स्थानीय जनप्रतिनिधि व जिम्मेदार अधिकारियों की उदासीनता व लापरवाही जनता पर भारी

Young Writer, डीडीयू नगर। एशिया की सबसे बड़ी कोल मंडी चंधासी में हर समय धूल व गंदगी का गुब्बार उड़ता रहता है। इस समस्या को लेकर जब किसी संगठन द्वारा हो-हल्ला मचाया जाता है तो प्रशासन उस पर थोड़ी निगाह बनाते हुए साफ सफाई करवाता है, परंतु कुछ दिन बाद समस्या जस की तस हो जाती है। आसपास के लोगों का कहना है कि अब शायद ही इस समस्या का समाधान हो पाए। किसी को पड़ाव या वाराणसी जाना पड़ता है तो उनके जेहन में सबसे पहले चंधासी की धूल आती है। लेकिन लोगों के लिए और कोई विकल्प नहीं होने के कारण उन्हें उसी उड़ते हुए धूल में से गुजरना पड़ता है। उस रास्ते से गुजरने के बाद लोगों का क्या हाल होता है वह तो वही बेहतर बता सकते हैं।
उक्त मंडी से धूल से निजात दिलाने के लिए समाजिक संगठनों ने कई बार विरोध प्रदर्शन किया। जिसके बाद अधिकारी कुछ पल के लिए सक्रिय हुए फिर स्थिति जस की तस बन गयी है। न अब कोई विरोध जताता है और ना ही अधिकारी उस पर अमल करते हैं। उक्त रास्ते से आए दिन हजारों लोग गुजरते हैं। उक्त मार्ग से गुजरते वक्त चार पहिया वाले तो अपना शीश चढ़ा लेते हैं लेकिन जो सवारी वाहन हैं या बाइक चालक हैं उनको उसी गर्दे में से होकर गुजरना पड़ता है। यह जनपद का सबसे प्रदूषित क्षेत्र है जहां से गुजरने के लिए लोगों को कई बार सोचना पड़ता है। ऐसी समस्या वर्षाें से कायम है। बावजूद भी शासन प्रशासन द्वारा उसके निस्तारण का कोई पहले नहीं किया जाता है जो दुर्भाग्यपूर्ण है। चंधासी में उड़ते धूल से लोगों के स्वास्थ्य पर प्रभाव ही नहीं पड़ता है बल्कि धूल के धूंध में कई बार दुर्घटनाएं भी हो चुकी है। ऐसे में अब चंधासी मंडी में कार्य करने वाली संस्थाएं आगे आ जाये तो शायद वर्षाे की समस्या का निवारण हो जाये और आस-पास रहने वाले लोगों के साथ रास्ते से गुजरने वालों को बड़ी राहत मिल जायेगी।

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