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Saturday, June 21, 2025

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जलीलपुर नई बस्ती में गंदगी, जल जमाव व दुर्गंध से स्थिति नारकीय

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जिम्मेदार अफसरों व जनप्रतिनिधियों की उदासीनता से बढ़ी ग्रामीणों की परेशानी

Young Writer, पड़ाव। क्षेत्र स्थित जलीलपुर नई बस्ती के लोग इन दिनों नारकीय जीवन जी रहे हैं, क्योंकि यहां की समस्याओं के प्रति जनप्रतिनिधि उदासीन हैं, वहीं दूसरी ओर जिम्मेदार अफसर अपनी जिम्मेदारी से मुंह मोड़े हुए हैं। इस कारण बस्ती के लोगों की समस्याएं दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। मामला जलीलपुर नई बस्ती की जल निकासी और साफ-सफाई की समस्या से जुड़ा है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि जिला पंचायत, स्थानीय विधायक और सत्ता पक्ष के अन्य जनप्रतिनिधियों व बड़े नेताओं तक समस्या पहुंचाया गया। उम्मीद थी समस्या का समाधान होगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। यहां तक जिलाधिकारी स्तर तक मामले को ग्रामीण ले गए, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ और दो वर्ष का लम्बा समय लोगों ने समस्या के साथ गुजार दिए।
सन 2014 के पहले से ऐसी समस्या है वर्तमान सरकार सत्ता में आने से पहले काफी सारे वादे-इरादे स्थानीय लोगों से किए गए, जिसमें स्वच्छ भारत मिशन बहुत ही महत्वपूर्ण था। और जलीलपुर नई बस्ती की जनता 2014 में लोकसभा चुनाव में काफी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया अपने मतदान भी किया। लोगों को उम्मीद थी कि नई सरकार सत्ता में आने के बाद हमारे दुखों का अंत करेगी, लेकिन अफसोस वर्तमान सरकार के पांच साल बीत जाने के बाद भी समस्या जस की तस बनी रही और फिर पांच साल बाद लोकसभा का चुनाव आ गया तो ग्रामीणों ने लोकसभा चुनाव के कुछ दिन पहले चुनाव का बहिष्कार कर डाला। जैसे यह बात अगले दिन अखबार के माध्यम से जनपद के आलाधिकारी को हुई तुरन्त अगले ही दिन आनन-फानन में संबंधित अधिकारियों द्वारा कच्चे नाले का निर्माण करा दिया गया, जिससे ग्रामीणों के दरवाजे पर तीन फीट चौड़ा व चार फीट गहरा कच्चे नाले खोद कर छोड़ दिया गया। फिर ग्रामीणों के अंदर एक उम्मीद की किरण जगी और चुनाव बाद फिर से पिछली सरकार सत्ता में वापसी हुई। लेकिन ग्रामीणों की समस्या का समाधान नहीं हुआ। ग्रामीणों का आरोप है कि लोकसभा चुनाव से पहले जिस कच्चे नाले को खोद कर छोड़ दिया गया था वह दुर्घटना का सबब बन बैठा और लोगो के अंदर भय उत्पन्न हो गया। स्थिति यह है कि जिम्मेदार अफसरों की लापरवाही के कारण स्थानीय ग्रामीण आज उसी नर्क में जीने को विवश है। लगभग छः सौ आबादी वाला यह एरिया नारकीय जीवन जीने को मजबूर है। गली में नाबदान का पानी जमा होने से जहां गंदगी, दुर्गन्ध का माहौल है, वहीं आवागमन में भी लोगों को दिक्कतें हो रही हे। ग्रामीणों का कहना है कि यदि जिम्मेदार अफसर व जनप्रतिनिधि समस्या को लेकर गंभीर हो जाएं तो हम सभी को बड़ी राहत मिलेगी, अन्यथा बरसात के मौसम में समस्या विकराल रूप ले लेगी।

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