पुल के दोनों तरफ सड़क के अभाव में नहीं मिल रहा लाभ
कर्मनाशा नदी पर बने पुराने पुल पर लग रहा प्रतिदिन जाम
Young Writer, शहाबगंज। विधानसभा चुनाव-2022 की खुमारी सभी के सिर चढ़कर बोल रही है। ऐसे में वादों-इरादों का दौर भी चल रहा है, लेकिन नेताओं के हवहवाई दावे व वादों को जमीनी रूप लेने में कई वर्षों और कभी-कभी दशकों का वक्त लग जाता है। इसकी नजीर शहाबगंज में कर्मनाशा नदी पर निर्माणाधीन पुल है जिसका निर्माण तो पूरा हो गया है, लेकिन यह पुल नेताओं के वादों की तरह अभी भी हवा में झूल रहा है, जिसके जमीन से जुड़ने का इंतजार चकिया विधानसभा की एक बड़ी आबादी कर रही है। साथ ही यह सवाल भी कर रही है कि आखिरकार नयी सरकार में यह पुल जमीन से जुड़ जाएगा या फिर उन्हें और लम्बा इंतजार करना होगा? हाल-फिलहाल लोगों को नए पुल पर आवागमन का बेसब्री से इंजार है, जो कब खत्म होगा इसके बारे में ठीक-ठीक कह पाना मुश्किल है।

कर्मनाशा नदी पर उक्त पुल क्षेत्र की जनता को जाम के झाम से निजात दिलाने के लिए स्थानीय बनाने की योजना थी। मंशा तो नेक थी, लेकिन यह अभी तक जमीनी रूप नहीं ले पायी। 2016 में शुरू हुआ यह प्रोजेक्ट आज भी हवा में ही झूल रहा है। स्थिति यह है कि पुल के दोनों ओर एप्रोच पथ नहीं बनने के कारण यातायात में लोगों को काफ़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। क्षेत्रीय लोगों को पुल का लाभ नहीं मिल रहा और आवागन उनके लिए अभी भी बड़ी समस्या बनी हुई है। वहीं पुराने व जर्जर हो चुके पुल पर प्रतिदिन घण्टों जाम के झाम से लोग बेहाल हैं।




बिहार प्रांत को जोड़ने वाली लेवा-इलिया मार्ग पर पुल स्थित होने के कारण पुल पर आवागमन रात-दिन होता रहता है। पुल की चौड़ाई कम होने से प्रतिदिन पुल पर घण्टों जाम लगता है जिससे यात्रियों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। सबसे ज्यादा संकट तब होता है जब कोई मरीज की गाड़ी व एंबुलेंस जाम में फंस जाता है। इसी समस्या को देखते हुए पूर्ववर्ती सरकार में करोड़ों रुपए की लागत से कर्मनाशा नदी पर बने पुराने पुल के पास ही नए पुल बनाने की स्वीकृति प्रदान की गई। जिसका शिलान्यास तत्कालीन विधायक पूनम सोनकर द्वारा किया गया था। पुल बनाने की जिम्मेदारी राजकीय निर्माण इकाई मिर्जापुर को दी गयी। वर्तमान में पुल तो बनकर तैयार हो गयी है लेकिन दोनों तरफ अप्रोच सड़क का निर्माण न होने से नए पुल का लाभ क्षेत्र के लोगों को नहीं मिल पा रहा है, जबकि पुल के दोनों तरफ सड़क बनाने के लिए किसानों की जमीन चिन्हित भी कर लिया गया है। लेकिन लोक निर्माण विभाग की उदासीनता के कारण सड़क निर्माण कार्य रुका हुआ है। इस संबंध में अतायस्तगंज के पूर्व प्रधान फन्तु मिश्र व बड़गांवा के प्रधान गुलफाम अहमद मिक्कू ने कहा कि पुल के दोनों तरफ सड़क का निर्माण कार्य शुरू न होने से किसान असमंजस में हैं। किसान अपने खेतों की मेड़बंदी नहीं कर पा रहे हैं। प्रधान संघ के पूर्व अध्यक्ष अरविंद मिश्र व पिंटू जायसवाल कहते हैं कि अगर सड़क का निर्माण जल्द नहीं होगा तो क्षेत्र के लोग आंदोलन करने को बाध्य हो जाएंगे। पुराने पुल पर घण्टों लग रहे जाम से निजात दिलाने के लिए बना नया पुल लोगों को मुंह चिढ़ा रहा है। सकरा पुल होने से व्यापार पर भी असर पड़ रहा है। रतीश कुमार कहते हैं कि कर्मनाशा नदी पर बना पुल काफ़ी पुराना है तथा जर्जर हो चुका है कभी भी बड़ा दुर्घटना हो सकती है। जिलाधिकारी को संज्ञान में लेकर जल्द से जल्द नए पुल पर अप्रोच सड़क का निर्माण कराना चाहिए, जिससे कोई बड़ी दुर्घटना न हो सके।
