Young Writer, चंदौली। संयुक्त किसान मोर्चा ने सोमवार को राष्ट्रीय आह्वान पर विश्वासघात दिवस मनाया। इस दौरान जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन सौंपना। साथ ही केंद्र सरकार को उनके वादे याद दिलाए और विरोध में जमकर नारेबाजी की।
इस दौरान अखिल भारतीय किसान महासभा जिला अध्यक्ष कामरेड श्रवण मौर्य ने कहा कि देश के किसानों ने केंद्र सरकार की किसान विरोधी कानून को रद्द करने, न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी हासिल करने और अन्यकिसान विरोधी नीतियों के खिलाफ एक अभूतपूर्व आंदोलन चलाया। जिसके परिणामस्वरूप सरकार को कानून वापस लेना पड़ा। जिला सचिव कामरेड किस्मत यादव ने कहा कि सरकार की कथनी और करनी का अंतर है। सरकार जो भी वादे करती है उससे मुकर जाती है, लेकिन किसानों के साथ वादाखिलाफी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सरकार को इसका मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। सरकार किसानों पर दर्ज मुकदमें वापस ले। सरकार का वादा था भारत सरकार अन्य राज्यों से भी अपील करके किसान आन्दोलन से सम्बन्धित दर्ज मुकदमों को वापिस लेने की कार्यवाही करेगी। लेकिन ऐसा अब तक नहीं हो सका है। कहा कि लखीमपुर खीरी हत्याकांड में एसआईटी की रिपोर्ट में षड्यंत्र की बात स्वीकार करने के बावजूद भी इस कांड के प्रमुख षड्यंत्रकारी अजय मिश्र टेनी का केंद्रीय मंत्रिमंडल में बना रहना संवैधानिक और राजनैतिक मर्यादा के खिलाफ है। यह किसानों के घाव पर नमक छिड़कने का काम है। दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश पुलिस इस घटना में नामजद किसानों को केसों में फंसाने और गिरफ्तार करने का काम लगातार कर रही है। इस मौके पर इंकलाबी नौजवान सभा जिलाध्यक्ष अनिल यादव, राकेश विश्वकर्मा, राजेश आदि उपस्थित रहे।