नियम-56, 51 व 301 के तहत विभिन्न समस्याओं को सदन तक पहुंचाया
Young Writer, चंदौली। सकलडीहा विधायक प्रभुनारायण सिंह यादव ने विधानसभा के शीतकालीन सत्र में नियम-56, नियम-51 व 301 में जनहित से जुड़े कई मुद्दों को मजबूती के साथ उठाया। उन्होंने आमजन की दुश्वारियों से सदन को अवगत कराते हुए उसके निराकरण के लिए प्रभावी पहल किए जाने की मांग की।
इस दौरान उन्होंने नियम-56 के तहत सकलडीहा तहसील के उपजिलाधिकारी द्वारा मौजा बरंगा, जमुनीपुर, डिघवट, फेसुड़ा, पंचदेवरा, परगना-बढ़वल में भूखण्डों के मालिक व स्वामी पूर्वजों के जमाने से काबिज-दखिल दर्ज खतौनी चकबंदी बंदोबस्त चले आ रहे हैं। ऐसे में एसडीएम द्वारा गुपचुप तरीके से अपनी एजेंसी के त्रुटिपूर्ण रिपोर्ट के पर उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता की धारा-38(2) के प्राविधानिक सिद्धांतों के विपरीत बगैर विधिक प्रक्रिया के अनुपालन किए बगैर नोटिस सूचना एवं उनके पक्ष को सुने बिना ही एकपक्षीय रूप से मौजूदा किसानों के नाम से अंकित खतौनी ताल के खाते में दर्ज करने का आदेश पारित कर दिया गया है। बताया कि यह 1800 एकड़ जमीन से संबंधित गंभीर विषय है जो किसानों व जनहित से जुड़ा मामला है। सकलडीहा विधायक ने नियम-51 के तहत 350 क्यूसेक क्षमता वाले भूपौली पम्प कैनाल की क्षमता बढ़ाकर 750 क्यूसेक करने के लिए पक्के पम्प हाउस का निर्माण कार्य कराया गया है, जिससे पानी क्षमता बढ़ गई है, लेकिन नहर पुरानी होने के कारण सीपेज बड़े पैमाने पर हो रहा है। नहर टूटने की खतरा बना रहता है, जिससे नहर पूरी क्षमता से नहीं चल पा रही है। बताया कि भूपौली पम्प कैनाल से संबंधित नहरों की लाइन कराए जाने का प्रस्ताव सरकार में विचाराधीन है। अब तक उक्त कार्य को स्वीकृति नहीं प्रदान हुई और ना ही धन आवंटित करने का कार्य हो पाया है। इसे देखते हुए वर्तमान में नहर की लाइनिंग कराए जाने का कार्य किसान हित में है। इसके बाद उन्होंने नियम-301 के अंतर्गत भूपौली मुख्य नहर से बलुआ राजवाहा नहर की पटरी सम्पर्क मार्ग के मरम्मत की मांग उठायी, जो वर्तमान में काफी जर्जर व गड्ढायुक्त हो चुका है, जिससे लोगों का आवागमन बाधित है। उक्त मार्ग से गंगा नदी एवं गंगा नदी पर बने बलुआ पक्का पुल होते हुए लोग वाराणसी व अन्य जनपदों को आते-जाते हैं। लिहाजा उक्त सम्पर्क मार्ग का मरम्मत कार्य कराया जाना अत्यंत आवश्यक है।