पूरे वर्ष चंदौली में चले राजनीतिक प्रतिद्वंदता के बीच निभाई विपक्ष की भूमिका
चंदौली(Chandauli)। वर्ष-2023 अब स्मृति शेष मात्र है। यह वर्ष भी अपने साथ जुड़ी यादों के साथ विदा हो रहा है। स्वागत की इस बेला में हर कोई नए साल के जश्न की तैयारियों में डूबा हुआ है। ऐसे में हम सभी को बीते हुए 2023 के पन्नों को पलट कर देखने की भी जरूरत है। राजनीतिक दृष्टिकोण से चंदौली के लिए 2023 कुछ खास नहीं रहा। पूरे वर्ष कोई बड़ी राजनीतिक उठापटक या उपलब्धि चंदौली के हिस्से में नहीं आयी। हालांकि राजनीतिक प्रतिद्वंदता का दौर पूरे वर्ष चला, जिसमें सैयदराजा के पूर्व विधायक मनोज सिंह डब्लू विपक्ष के एक मजबूत राजनीतिक व्यक्तित्व के रूप में उभरे और लोगों के जेहन व चर्चाओं में बने रहे।
वर्ष-2023 में पूरे साल चली उनकी राजनीतिक गतिविधियों में बहुत कुछ खास रहा। उन्होंने जनता से संवाद के लिए सोशल मीडिया का बखूबी इस्तेमाल किया। डिजीटल प्लेटफार्म के जरिए अपनी पहुंच को सैदपुर गंगा घाट से नौगढ़ की वादियों और नौबतपुर बार्डर से पड़ाव की सीमा अपनी पहुंच बनाई और जनता से सीधा जुड़ने के लिए इस आधुनिक तौर-तरीके को कायम किया। इस वर्ष जहां सत्ता पक्ष अपनी उपलब्धियों को गिनाने का प्रयास किया तो उन्होंने जनहित की समस्याओं को मुद्दा बनाते हुए उसमें खामियों निकालकर सरकार को आईना दिखाने का अभियान साल के अंतिम तक जारी रखा।
पूर्व विधायक मनोज सिंह डब्लू ने विपक्ष की राजनीति में अपनी सक्रियता के नए आयाम गढ़े और जनता की समस्याओं को भी अपने एकल प्रयास व जनभागीदारी से हल करने का माद्दा भी दिखाया। नतीजा जनता में उनकी पैठ गहरी हुई और वे सैयदराजा विधानसभा क्षेत्र के नेता से चंदौली के जननेता के अपने सफर को तेजी और सफलता के साथ आगे बढ़े। भाजपा के नौ साल बेमिशाल के जवाब में उन्होंने नौ साल चंदौली बदलाव को ट्रेंड में लाया। उन्होंने एक-एक कर भाजपा सरकार की नौ नाकामियों को मौके पर जाकर गिनाने व दिखाने का काम किया। इस दौरान उनके समर्थकों व चाहने वालों की संख्या बढ़ी। वहीं सोशल मीडिया पर उनके फालोअर्स तेजी से बढ़े।
मनोज सिंह डब्लू द्वारा आयोजित गंगा कटान मुक्ति पदयात्रा ने सभी का ध्यान खींचा। यह यात्रा भले ही चंदौली में हुई, लेकिन इसकी चर्चा ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव का ध्यान भी खींचा और पूर्व विधायक को अच्छाखासा राजनीतिक तवज्जो भी मिला। जैसा कि उनके समर्थक व राजनीतिक सूत्र बताते हैं। हालांकि उनके राजनीतिक प्रतिद्वंदियों ने उनके तमाम प्रयासों को लोकसभा चुनाव की तैयारियों से जोड़कर देखा।
मनोज सिंह डब्लू के इन तमाम प्रयासों के बीच जनहित से जुड़े कई छोटे-बड़े मसले हल हुए और उससे संबंधित लोग को प्रत्यक्ष लाभ मिला। समाजवादी नेता मनोज सिंह डब्लू के प्रयासों से खेत-खलिहान, किसान व नौजवान सभी को कुछ न कुछ हासिल जरूर हुआ। एक तरफ जहां उनके प्रयासों को सराहा गया, वहीं दूसरी ओर उनकी आलोचनाएं और आलोचक भी तेजी से बढ़े। कई ऐसे अवसर आए, जब उन पर पुलिसिया सिकंजा कसने का भी प्रयास हुआ। उन पर मुकदमे हुए। बावजूद इसके वर्ष-2023 में सपा नेता मनोज सिंह डब्लू अपने लक्ष्य को लेकर पूरी तरह से अडिग, स्पष्ट व संघर्षशील नजर आए। उम्मीद है कि वर्ष-2023 विदा होने और नए साल के आगाज के साथ ही सैयदराजा के पूर्व विधायक अपने इस मिशन और व्यक्तित्व को ऐसे ही कायम रखने में सफल होंगे। जैसा कि उन्हें व उनके समर्थकों को बीतते वर्ष-2023 से उम्मीदें हैं।
Happy New Year