Young Writer, चंदौली। सपा लोहियावाहिनी राष्ट्रीय सचिव अनिल मिश्रा ने सकलडीहा सीओ व सपाइयों के बीच हुए झड़क की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि आरोप मढ़ा कि शांति एवं सुरक्षा व्यवस्था में लगे पुलिस अफसरों ने धैर्य व संयम का परिचय दिया होता तो संघर्ष की स्थिति कायम नहीं होती। इतनी बड़ी गलती के बाद भी पुलिस अपनी गलती में सुधार करने की बजाय जिले के सपाइयों को गिरफ्तार कर उनका उत्पीड़न करने की कार्यवाही कर रही है। जनपद पुलिस का यह कृत्य लोकतंत्र पर हमला है इसे तत्काल रोका जाना चाहिए। साथ ही जिन सपा के नेताओं-कार्यकर्ताओं को जेल भेजा गया है उनके रिहाई का मार्ग पुलिस प्रशासन प्रशस्त करे।
उन्होंने कहा कि सत्ता के इशारे पर कार्य करने वाले अफसरों को यह स्मरण होना चाहिए कि जनता के नौकर हैं और उनका पूरा ध्यान कानून-व्यवस्था को सुदृढ़ बनाए रखने के साथ ही शांति व्यवस्था कायम रखना प्राथमिकता होनी चाहिए। राजनेता जनता की आवाज होते हैं जो गरीब, निरीह व समाज के अंतिम पायदान पर खड़े लोगों की बातों को सरकारी तंत्र के समक्ष मजबूती के साथ रखते हैं और उनकी समस्याओं के लिए संघर्ष करने का काम करते हैं। यदि पुलिस-प्रशासन राजनीतिक द्वैष से प्रेरित होकर राजनेताओं की आवाज को लाठी के बल पर दबाने का प्रयास करेंगे तो लोकतांत्रिक मूल्य हाशिए पर आ जाएगा। लिहाजा पुलिस-प्रशासन को इस प्रकरण में गंभीरता दिखाते हुए सही दिशा में पहल करनी होगी, ताकि चंदौली स्वस्थ्य लोकतंत्र कायम रहे।