Young Writer, चंदौली। जनपद में पासवान समाज ने भी तेरहवी जैसे रूढ़िवादी परंपरा व कुरीति से किनारा करने का निर्णय लिया, जिसकी शुरुआत बरहुली निवासी पूर्व जिला पंचायत सदस्य रमेश पासवान के आवास पर सोमवार को हुई। इस दौरान रमेश पासवान की माता के निधन के बाद शोक संवेदना व्यक्त करने के लिए जुटे पासवान समाज के वरिष्ठ लोगों ने रूढ़िवादी परंपरा को खत्म करके समाज करके समाज को एक नया व सकारात्मक संदेश देने का काम करें। जिसे रमेश पासवान ने स्वीकार करते हुए तेरहवी न करने का निर्णय ले लिया।
इस दौरान पासवान समाज के लोगों ने कहा कि मृत्यु भोज एक कुरीति है जो अब गरीब तबके पर एक आर्थिक बोझ बनकर रह गया है, जिसे समाज को त्यागकर आगे बढ़ने की जरूरत है। पासवान समाज जागरूकता की इस अलख को चंदौली जनपद के कोने-कोने तक ले जाएगा। साथ ही अन्य जनपदों व प्रदेशों में इस अलख की रौशनी से समाज को रोशन करने की पहल होगी। समाज को ऐसी कुरीतियों की नहीं बल्कि शिक्षा की जरूरत है। हमें बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के विचारों को आत्मसात कर उनके द्वारा दिखाए पथ पर अग्रसर होना होगा। यही हम सभी के विचार व उन्नति को सुनिश्चित करेगा। कहा कि रमेश पासवान ने तेरहवी भोज को न कराने का फैसला लेकर समाज को संदेश देने का काम किया है। अब यह कारवां निरंतर आगे बढ़ता रहेगा। इस अवसर पर राम मूरत पासवान, उमेश पासवान, वंशराज पासवान, शिवपूजन पासवान, लक्ष्मण पासवान, राजेंद्र पासवान, दिलीप पासवान, जिउत पासवान सिकंदर पासवान, अरविंद पासवान, मनोज पासवान, चंदन पासवान, राजेंद्र पासवान उपस्थित रहे।