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Tuesday, May 13, 2025

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मनोज सिंह डब्लू को राहत‚ जान से मारने के प्रयास के मामले में मिली जमानत

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द्वितीय अग्रिम जमानत प्रार्थना-पत्र को जनपद एवं सत्र न्यायालय ने किया स्वीकार

Young Writer, चंदौली। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव व सैयदराजा के पूर्व विधायक मनोज सिंह डब्लू को विधानसभा चुनाव-2022 के दौरान सैयदराजा थाने में दर्ज मुकदमा अपराध संख्या-73/2022 में जनपद एवं सत्र न्यायालय ने अग्रिम जमानत दे दी है। जनपद न्यायालय ने मामले में सुनवाई के दौरान अभियोजन के साथ ही बचाव पक्ष के अधिवक्ता अजय कुमार मौर्य के बहस व तथ्यों को सुना और सपा नेता मनोज सिंह डब्लू को एक लाख के व्यक्तिगत बंध-पत्र और समान राशि के दो प्रतिभू प्रस्तुत करने पर अग्रिम जमानत पर रिहा किए जाने आदेश जारी किया है। यह मनोज सिंह डब्लू की ओर से न्यायालय में प्रस्तुत द्वितीय अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र था, जिसे पर बुधवार को सुनवाई हुई। इसके पहले 10 मार्च को प्रस्तुत अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र को निरस्त कर दिया गया था।

न्यायालय द्वारा जारी आदेश की प्रति।

द्वितीय अग्रिम जमानत प्रार्थना-पत्र पर न्यायालय में सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष के अधिवक्ता अजय कुमार मौर्य ने तर्क दिया कि मनोज सिंह डब्लू को गलत तथ्यों के आधार पर परेशान करने व उनकी सामाजिक व राजनैतिक प्रतिष्ठा को धूमिल करने के लिए प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामित किया गया है। विधानसभा चुनाव-2022 मे समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी होने के कारण विरोधियों के प्रभाव में आवेदक की छवि को क्षति पहुंचाने के लिए उसके विरूद्ध आपराधिक कार्यवाही प्रारभ की गई है। तर्क प्रस्तुत करते हुए बताया कि मनोज सिंह डब्लू घटनास्थल पर मौजूद नहीं थे ना उसके द्वारा वादी मुकदमा की हत्या का कोई प्रयास किया गया है। आरोप-पत्र में ऐसे किसी चोट का उल्लेख नहीं किया गया है जिससे धारा-307 का अपराध बनता हो। एफआईआर को गंभीर बनाने और मनोज सिंह डब्लू को गिरफ्तार करने के उद्देश्य से ऐसा किया गया है। उक्त अपराध को कारित करने का कोई मोटिव नहीं बताया गया है। साथ ही आवेदक के पास से कोई हथियार, राड, लाठी आदि बरामद नहीं किया गया। वादी मुकदमा दिग्विजय पांडेय की मेडिकल रिपोर्ट में छह चोटों का उल्लेख है सभी साधारण प्रकृति की थी। दूसरे चोटिल अच्युत्यानन्द की मेडिकल रिपोर्ट में एक चोट का जिक्र है जो साधारण प्रकृति का था। वादी के अंकित बयान यह बताया गया है कि आवेदक द्वारा न तो मारने-पीटने का कोई आदेश दिया था और ना ही उसने वादी पर कोई हमला किया। उक्त मामले में न्यायालय ने अभियोजन व बचाव पक्ष की दलीलें व तर्क को सुना। इसके बाद जनपद न्यायाधीश सुनील कुमार चतुर्थ ने आवेदक मनोज सिंह डब्लू के द्वितीय अग्रिम जमानत प्रार्थना-पत्र को स्वीकार करते हुए रिहा करने का आदेश जारी किया। हालांकि इस दौरान न्यायालय की अनुमति के बिना भारत नहीं छोड़ेंगे।

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