Young Writer, चंदौली। जिला पंचायत सदस्य व समाजवादी विचारक अंजनील सिंह ने कहा कि मेरे इस नारे को हर सभी को गहराई से समझना होगा। आपस में मिलजुल कर एक रहना होगा‚ तभी समाज में शांति एवं राष्ट्र की तरक्की संभव है। जातियों धर्मों रिवाजों में बंधकर हमलोग शादी जैसे रिश्तों को बेशक निभाएं‚ लेकिन हर जाति धर्म मजहब के लोगों के बीच आपसी सौहार्द स्थापित रखना‚ समाज में एक दूसरे के सुख दुख का साथी बनकर हर जरूरतमंद‚ दुःखी व मजबूर लोगों का मदद करना राष्ट्र के सुधी नागरिकों का प्रथम कर्तव्य है। यही मात्र एक तरीका है जिससे हम सब अपने भारत को भव्य बना सकते हैं भारत कि भव्यता को विश्व स्तर पर सबसे ऊंचा बढ़ा सकते हैं ।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में अलग अलग राजनीतिक दलों की ललकार एवं भाषाई व्यवहार भारतीय नागरिकों की मानवीय विचारधाराओं संवेदनाओं पर छुरी चलाकर गहरा घाव बनाने का काम कर रही है‚ लेकिन राजनीतिक दलों द्वारा बार बार किए जाने वाले विघटनकारी हमलों से अपने ख़ुद की एवं सर्वसमाज की सुरक्षा हम सबको आपस में मिलकर स्वयं करनी होगी। लोकतंत्र में हर पांच साल के बीच कई बार चुनाव आते जाते रहेंगे‚ परंतु हम सभी लोगों को एक बार ही जाना है इसलिए राजनीतिक दांव पैतरों प्रतिस्पर्धा के कारण आपसी मानवीय‚ सामाजिक या पारिवारिक रिश्ते आहत ना होने दें। मानवीय सभ्यताओं को भूलकर जानवरों जैसा व्यवहार प्रदर्शन अथवा किसी का अपमान व शोषण कदापि न होने दें। इस बात का विशेष ख्याल रखने की जरुरत है।
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