मछुआरा समाज की आजीविका पर आघात बर्दाश्त नहींः मनोज सिंह डब्लू
गंगा में मछली मारने के नैर्सिग अधिकार अतिक्रमण करने का हो रहा प्रयास
चंदौली। मछुआरा समाज की आजीविका इस वक्त संकट में है। ऐसे में सैयदराजा के पूर्व विधायक और सपा के राष्ट्रीय सचिव मनोज कुमार सिंह डब्लू सोमवार को मछुवारा के संकट मोचक की भूमिका में नजर आए। उन्होंने मछुआरा समाज की आवाज को सरकार पर पुरजोर तरीके से पहुंचाने के लिए नरौली से महुजी तक नाव से यात्रा की। गांव-गांव गंगा के तट पर बसे मछुआ समाज के लोगों से मिले, उनका दर्द बांटा और आंसू पोछे। कहा कि आज मछुआरा समाज खून के आंसू रो रहे हैं और इसके लिए भाजपा सरकार और मत्स्य मंत्री संजय निषाद जिम्मेदार है। साथ ही इस फैसले को वापस लेने के लिए सरकार और सूबे के मत्स्य मंत्री को घेरने की चेतावनी दी। कहा कि सरकार गंगा में मछली मारने के टेंडर को निरस्त करें।

इस दौरान उन्होंने नरौली गंगा घाट से अपनी यात्रा का आगाज किया। इसके बाद वे मछुआ समाज के लोगों के साथ बड़ौरा, अमादपुर, नगवां, सोनहुली, गुरैनी, कवलपुरा, प्रहलादपुर होते हुए महंुजी पहुंचे, जहां संक्षिप्त सभा में उन्होंने मछुआ समाज के लोगों को अपने हक-अधिकार के लिए सजग किया। सोनहुली के दोपहर भोजन के दौरान सपा नेता मनोज सिंह डब्लू ने भाजपा सरकार द्वारा जारी टेंडर से मछुआरा समाज की आजीविका, आर्थिक और सामाजिक ताने-बाने पर पड़ने वाले प्रभाव पर चर्चा की।
मछुआरों ने बताया कि गंगा में मछली पड़कने का जो टेंडर सरकार की ओर से लाया जा रहा है। यदि वह लागू हुआ तो मछुआरा समाज पूरी तरह से बर्बाद हो जाएगा। गंगा में जाल डालने का नैसर्गिक अधिकार खत्म हो जाएगा। मां गंगा के सहारे हमारी कई पीढ़िया चली आ रही। उस पर सरकार अपने टेंडर से अतिक्रमण करने का प्रयास कर रही है। यह हमारे अस्तित्व की लड़ाई है जिसे अंतिम सांस तक लड़ा जाएगा।
इसके बाद महुंजी में पूर्व विधायक मनोज सिंह डब्लू ने उक्त टेंडर को तुगलकी फरमान बताया। कहा कि मछुआरा समाज की आजीविका पर किसी भी तरह का आघात बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मछुआरा समाज के पास न तो जमीन है और ना ही मकान। इनकी खेती और आजीविका मां गंगा हैं। ऐसे में टेंडर हो गया तो ठेकेदार जिसे चाहेगा, वही व्यक्ति गंगा में जाल डाल पाएगा और गंगा में नाव भी उसी को होगी जिसके पास ठेकेदार द्वारा जारी स्लिप होगा। ऐसा नहीं होने पर मछुआ समाज को मार भी खानी होगी और जेल भी जाना होगा। यही वजह है कि आज मछुआरा समाज में आर्थिक अराजकता का माहौल कायम हो गया है। समाज के लोग डरे और सहमे हुए हैं। ऐसी परिस्थितियों से मछुआरा समाज को बाहर निकालने के लिए यह यात्रा निकाली है।
हर गांव और मजरे से लोगों को जोड़ा जा रहा है और टीम बनाकर मत्स्य मंत्री संजय निषाद से मिला जाएगा, ताकि लोग उनसे यह सवाल किया जाय सके कि वह अपने समाज के लोगों के साथ ऐसा क्यों कर रहे हैं। अंत में मनोज सिंह डब्लू ने भाजपा के स्थानीय जनप्रतिनिधियों की इस मुद्दे पर चुप्पी को मछुआरा समाज के खिलाफ बताया। कहा कि भाजपा के इन नेताओ की चुप्पी ने समाज को ऐसी स्थिति में लाकर खड़ा कर दिया है। लेकिन अब मछुआरा समाज इसका जवाब अपने वोट से देने का काम करेगा। इस अवसर पर महंगू राम, राम दुलारे कनौजिया, मूरत निषाद, उमा निषाद, गुड्डू निषाद, रामा निषाद, अनिल निषाद, अरविन्द निषाद, मंटू निषाद, रामेंद्र निषाद, संतोष उपाध्याय, दशमी राम, सुन्दर राम, छोटू सिंह, बलवंत सिंह, आंनद सिंह, अनिल मिश्रा, चिरकुट सिंह, भंटा सिंह, शंकर राम, मंजूर अंसारी उपस्थित रहे।

