कोविड–19 काल में दर्ज हुए मुकदमें की न्यायालय में हुई मुकदमें की सुनवाई
Young Writer, चंदौली। कोविडकाल में दर्ज मुकदमे में सुनवाई के दौरान लगातार गैरहाजिर चल रहे आरोपी सपा नेताओं को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने गैर जमानती वारंट जारी किया। बुधवार को न्यायालय में सुनवाई के दौरान पूर्व सांसद रामकिशुन यादव, पूर्व विधायक पूनम सोनकर, सपा जिलाध्यक्ष सत्यनरायन राजभर, महासचिव नफीस अहमद, पूर्व जिलाध्यक्ष बलिराम यादव, संतोष यादव व पूर्व प्रमुख बाबूलाल उपस्थित हुए। इस दौरान अधिवक्ता अशफाक अहमद, अजय मौर्या व सुनील सिंह मुखिया ने सपा नेताओं का पक्ष रखते हुए सभी की जमानत कराई। न्यायालय ने सपा नेताओं को 20 हजार रुपये की जमानत राशि का बंध-पत्र लेकर जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया।
विदित हो कि कोविड-19 काल में समाजवादी पार्टी के नेताओं ने चंदौली में किसान बेरोजगार हुंकार भरो पदयात्रा निकाली थी, जिसे पर चंदौली कोतवाली पुलिस ने सपा के पूर्व विधायक मनोज कुमार सिंह डब्लू समेत पूर्व सांसद रामकिशुन यादव, पूर्व विधायक पूनम सोनकर, जिलाध्यक्ष सत्यनारायन राजभर, पूर्व प्रमुख बाबूलाल यादव, मनोज सिंह काका, बलिराम यादव समेत 500 अज्ञात सपाइयों के खिलाफ धारा-188, 269, 270 आईपीसी के साथ ही महामारी अधिनियम-1897 की धारा-3 और अपदा प्रबंधन अधिनियम-2005 की धारा-54 के तहत मुकदमा अपराध संख्या-0202/2020 दर्ज किया। इस मामले में सैयदराजा के पूर्व विधायम मनोज कुमार सिंह डब्लू ने पहले ही न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत होकर जमानत पर रिहा है। वहीं मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने सपा के अन्य नेताओं के खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी करते हुए 21 सितंबर को सुनवाई के दौरान न्यायालय में उपस्थित होने का आदेश दिया। वारंट जारी होने के बाद बुधवार को पूर्व सांसद रामकिशुन, पूनम सोनकर, सपा जिलाध्यक्ष सत्यनरायन राजभर, बाबूलाल यादव, महासचिव नफीस अहमद ने अधिवक्ता के जरिए अपना पक्ष रखा। न्यायालय ने सभी सपा नेताओं को 20 हजार रुपये के जमानत पार रिहा कर दिया।