डीएम से मिलकर समस्याओं से कराया अवगत, एक माह में समाधान की मांग
Young Writer, चंदौली। चंदौली पाटेक्निक चंदौली से जुड़े विभिन्न मुद्दों को लेकर पूर्व विधायक मनोज सिंह डब्लू जिलाधिकारी ईशा दुहन से मिले। इस दौरान पांच सूत्रीय मांग पत्र सौंपते हुए चंदौली पालीटेक्निक के छात्र-छात्राओं के हित में एक माह के अंदर समाधान किए जाने की मांग की। ऐसा नहीं होने पर बड़े आंदोलन की चेतावनी दी। साथ ही प्रकरण को संजीदगी से लेते हुए वित्तीय अनियमितताओं की जांच कर यथोचित कार्यवाही करने की मांग की।
इस दौरान मनोज सिंह डब्लू ने कहा कि चंदौली कृषि प्रधान होने के कारण 1972-73 में तत्कालीन मुख्यमंत्री एवं चंदौली के विकास पुरुष पंडित कमलापति त्रिपाठी द्वारा उत्तर प्रदेश (उत्तराखंड समेत) सबसे पहले चंदौली पालीटेक्निक में तीन वर्षीय कृषि अभियंत्रण पाठ्यक्रम शुरू किया गया। कृषि अभियंत्रण विभाग की प्रयोगशाला विगत बीस वर्षों से बन्द है। जिस कारण करोड़ों के कृषि उपकरण खराब हो चुके हैं। कहा कि प्रबंध समिति के उपाध्यक्ष जिलाधिकारी चंदौली का आवास पालीटेक्निक परिसर में ही है। इसके अलावा चंदौली पालिटेक्निक कालेज परिसर में बने शिक्षकों के आवास में शिक्षक निवास नहीं करते, क्योंकि उनके आवासों में विभिन्न सरकारी विभागों के अधिकारियों का कब्जा है। इससे देश के भावी इंजीनियरों की शिक्षा प्रभावित हो रही है। अफसरों के कब्जे को खाली कराया जाए, अन्यथा एक माह बाद समाजवादी पार्टी आंदोलनों के जरिए उसे खाली कराने का काम करेगी। कहा कि शैक्षणिक सत्र 2009-10 से संस्था में स्ववित्त पोषित पाठ्यक्रम अलग से चलाया जा रहा है, जिसकी फीस की आडिट नहीं होती है। इस कारण चंदौली पालीटेक्निक संस्थान वित्तीय अनियमितता तथा भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया है, जिसकी निष्पक्ष जांच करायी जानी अतिआवश्यक है। बताया कि 2014 में छात्राओं के लिए अलग से हास्टल बनाने हेतु निर्णय लिया और शिलान्यास भी कर दिया गया। करोड़ों रुपये खर्च होने के बावजूद लगभग साढ़े आठ साल व्यतीत होने के पश्चात भी छात्रावास का निर्माण नहीं हो सका। ऐसी स्थिति में आज विवश होकर छात्राएं चंदौली नगर में प्राइवेट एवं महंगा कमरा लेकर रहती है। वहीं ब्वायज हास्टल भी जीर्ण-शीर्ण अवस्था को प्राप्त हो चुका है।