Young Writer, चंदौली। सैयदराजा विधायक सुशील सिंह विधानसभा चुनाव-2022 में एक बार फिर सैयदराजा से भाजपा का चेहरा होंगे। उनकी उम्मीदवारी पर पार्टी ने अंतिम मुहर लगा दी है। इसके साथ ही सकलडीहा विधानसभा से पूर्व प्रत्याशी रहे सूर्यमुनि तिवारी पिछले हार के बावजूद अपने पांच सालों की कड़ी मेहनत व तपस्या से पार्टी का भरोसा जीतने में सफल रहे हैं। उम्मीदवारों की सूची में सकलडीहा से बतौर प्रत्याशी उनका नाम भी सूची में शामिल किया गया है। हालांकि मुगलसराय व चकिया विधानसभा के पत्ते अभी नहीं खोले गए हैं। जिन पर भाजपाइयों की निगाहें टिकी हुई है।

विदित हो कि चंदौली जनपद के चार विधानसभा क्षेत्र के लिए टिकट जारी होने का इंतजार उम्मीदवारों के साथ-साथ क्षेत्रीय जनता बेसब्री से कर रही है, लेकिन पहले आप, पहले आप की तर्ज पर सभी पार्टियां एक-दूसरे के उम्मीदवारों के नाम की घोषणा का इंतजार कर रही है। इसी बीच रविवार की शाम भाजपा की ओर से जारी प्रत्याशियों की सूची में सैयदराजा विधानसभा के साथ ही सकलडीहा विधानसभा से चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के नाम को सार्वजनिक किया गया। सैयदराजा विधानसभा को लेकर भाजपा, क्षेत्रीय जनता व विपक्ष के लोग पहले से ही आश्वस्त थे कि टिकट वर्तमान विधायक सुशील सिंह को ही मिलना प्रस्तावित एवं सुनिश्चित है। ऐसे में उनकी दावेदारी पर अंतिम मुहर लगने से सैयदराजा क्षेत्र के कार्यकर्ताओं, समर्थकों व विधायक सुशील सिंह के चाहने वालों में खुशी व ऊर्जा का संचार हुआ है। वहीं सकलडीहा विधानसभा की बात करें तो वर्तमान विधायक प्रभुनारायण सिंह यादव को सपा व कांग्रेस देवेंद्र प्रताप सिंह मुन्ना को पहले ही उम्मीदवार बना चुकी है। बावजूद इसके भाजपा नेता डा. केएन पांडेय व सूर्यमुनि तिवारी के बीच पार्टी की उम्मीदवारी अर्जित करने के लिए काफी समय से एक स्वस्थ, स्वच्छ एवं सकारात्मक प्रतिद्वंदता चल रही थी, जिसमें भाजपा नेता सूर्यमुनि तिवारी की कड़ी मेहनत, जनता से उनका सीधा जुड़ा और पांच सालों की तपस्या ने सारे दावों को पीछे छोड़कर दावेदारी के हक को अर्जित कर लिया है। हालांकि भाजपा अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित चकिया विधानसभा के साथ ही मुगलसराय विधानसभा के प्रत्याशियों के नाम की घोषणा नहीं की है और ना ही सपा व अन्य दलों ने ही अपने प्रत्याशी उतारे है। यहां अभी भी पहले आप के तर्ज कर एक-दूसरे का इंतजार हो रहा है। एक तरफ सुशील सिंह एक बार फिर सैयदराजा के रण को जीतने की अपनी प्रतिबद्धता को बड़े सौम्य‚ शांत व सद्भाव तरीके से प्रस्तुत करते आ रहे हैं‚ वहीं सूर्यमुनि तिवारी के समक्ष अपनी पिछली हार को जीत में बदलने की चुनौति होगी।