Young Writer, चकिया। विकास खंड सभागार में मंगलवार की दोपहर आयोजित क्षेत्र पंचायत की बैठक हंगामे की भेंट चढ़ गई। हंगामे के बीच लगभग 2 करोड रुपए से कराए जाने वाले 213 विकास कार्यों पर मुहर लगा दी गई। हंगामे के बाद ग्राम प्रधानों ने बैठक का बहिष्कार कर दिया। मंगलवार की दोपहर 1 बजे ब्लाक प्रमुख शंभू नाथ यादव की अध्यक्षता में क्षेत्र पंचायत की बैठक आरंभ हुई। बैठक में मनरेगा के तहत 213 में मजदूर के ना मिलने की समस्या को लेकर वाद विवाद की स्थिति उत्पन्न हो गई। देखते ही देखते मामले ने तूल पकड़ लिया और ग्राम प्रधानो और अकाउंटेंट के बीच कहासुनी होने लगी। थोड़ी देर में क्षेत्र पंचायत सदस्य और तमाम ग्राम प्रधान दो अलग-अलग खेमों में बंट गए। हंगामे के बीच ग्राम प्रधानों ने ब्लाक प्रमुख मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए बैठक का बहिष्कार कर दियाद्य जिसके बाद मौजूद क्षेत्र पंचायत सदस्यों ने 2 करोड रुपए की धनराशि से कराए जाने वाले 213 विकास कार्यों को अमलीजामा पहनाते हुए अपनी मुहर लगाई। बैठक में विद्युत, शिक्षा, वन विभाग, स्वास्थ्य, पशु चिकित्सा, सहित तमाम विभागों के अधिकारियों ने ग्राम पंचायतों मैं क्रियान्वित होने वाली शासन की तमाम योजनाओं की जानकारी दी। इस दौरान खंड विकास अधिकारी रविंद्र प्रताप यादव, जिला पंचायत सदस्य डॉ कुंदन गौड़, चकिया रेंजर अकबाल बहादुर सिंह,बीईओ प्रकाश चंद्र यादव, पशु चिकित्साधिकारी डॉक्टर आरपी भारती, सीडीपीओ राकेश बहादुर, अवध नारायण जायसवाल, सत्य प्रकाश गुप्ता, इंजीनियर अवधेश यादव सहित तमाम ग्राम प्रधान और क्षेत्र पंचायत सदस्य मौजूद रहे।
भ्रष्ट कर्मचारियों के खिलाफ प्रधानों ने किया प्रदर्शन
चकिया। विकास खंड कार्यालय में इन दिनों भ्रष्टाचार का बोलबाला है जिसमें कुछ संकलित कर्मचारियों के खिलाफ मंगलवार को ग्राम प्रधानों ने मोर्चा खोल दिया। कार्यालय के बाहर प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी कर जिला प्रशासन से भ्रष्ट कर्मचारियों के कार्यों की जांच कराने की मांग की। प्रधानों ने आरोप लगाया कि ग्राम प्रधानों के कराए जाने वाले तमाम विकास कार्य कमीशन के चक्कर में रुके हुए हैं।
प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे ग्राम प्रधान संघ अध्यक्ष प्रतिनिधि अरविंद पांडेय ने कहा कि विकास खंड कार्यालय में तैनात विभागों के कर्मचारी कमीशन के चक्कर में ग्राम प्रधानों की फाइलों को अटका रखे हैं। जिससे तमाम ग्राम पंचायतों के विकास कार्य प्रभावित है। कहा कि जब भी ग्राम प्रधान किसी भी काम की आईडी बनवाने के लिए कर्मचारियों के पास जाते हैं तो उन्हें बैरंग वापस लौटा दिया जाता है। ग्राम प्रधानों ने चेताया कि विकास खंड कार्यालय में कमीशन खोरी का धंधा बंद नहीं हुआ तो वे उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। उन्होंने जिला प्रशासन से भ्रष्टाचार में संलिप्त कर्मचारियों के कार्य प्रणाली की जांच कराकर उनके विरूद्ध कार्रवाई करने की मांग की। प्रदर्शन करने वाले प्रधानों में, महेंद्र मौर्या, सत्य प्रकाश गुप्ता, इंजीनियर अवधेश यादव, सारांश केसरी, अवध नारायण जायसवाल, ज्ञान प्रकाश प्रकाश गुप्ता, चंदन कुमार, राम नरेश यादव सहित तमाम प्रधान मौजूद रहे।