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Tuesday, February 4, 2025

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चंदौली में धीमी चल रही है कोविड टीकाकरण की रफ्तार

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Young Writer, चंदौली। कोविड-19 संक्रमण एक बार फिर तेजी से पांव पसार रहा है। ऐसे में सरकार कोविड-19 से निबटने के लिए पूरी तरह से सतर्क व सजग दिख रही है। जनपद में 12 से 14 वर्ष के बच्चों के टीकाकरण की गति बहुत धीमी है एक सप्ताह के अंदर 82718 लक्ष्य के सापेक्ष मात्र 437 बच्चों का ही टीकाकरण हुआ है। यह कोरोनावायरस के टीकाकरण के रोकथाम के अभियान के लिए चिंताजनक है, लेकिन कहीं ना कहीं स्वास्थ्य महकमा इसे गंभीरता से नहीं ले पा रहा है। इसमें स्वास्थ्य विभाग की माने तो बोर्ड परीक्षा आड़े आ रही है। इसके चलते टीकाकरण अभियान में विभाग को जो सफलता मिलनी चाहिए वह नहीं मिल पाई है।
जिला मुख्यालय स्थित मातृ एव शिशु विंग अस्पताल में 16 मार्च को जिलाधिकारी संजीव कुमार सिंह ने 12 से 14 वर्ष के बच्चों को लगाने वाले कोविड वैक्सीनेशन कार्यक्रम का उद्घाटन किया। जनपद में अनुमानित 82718 किशोरों को कोविड के वैक्सीनेशन के लिए कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम जिला अस्पताल परिसर स्थित एमसीएच विंग में आयोजित किया गया, जिसका शुभारंभ जिलाधिकारी संजीव कुमार सिंह ने किया। इसमें लगभग 100 बच्चों का टीकाकरण हुआ।
जिलाधिकारी संजीव सिंह ने कोविड से बचने के लिए 12 से 14 वर्ष के बच्चों का टीकाकरण शुभारंभ एमसी एच विंग में 16 मार्च को किया था। कहा था कि विद्यालय सहित अन्य जगहों पर रहने वाले सभी बच्चों को खोज कर टीमों के द्वारा वैक्सीनेशन कराया जाएगा। जनपद के स्वास्थ विभाग की ओर से 82718 बच्चों के टीकाकरण का लक्ष्य निर्धारित किया गया लेकिन 1 सप्ताह बीत जाने के बाद भी मात्र 437 बच्चों का ही टीकाकरण हो पाया है। शुभारंभ के दौरान जिलाधिकारी ने सभी का आह्वान करते हुए कहा था कि टीकाकरण अभियान युद्ध स्तर पर चला कर बच्चों को अधिक से अधिक टीका कराएं, ताकि वे कोरोनावायरस से सुरक्षित है। जनपद के स्वास्थ विभाग की ओर से टीकाकरण अभियान को सफल बनाने के प्रयास किए गए,लेकिन उन्हें सफलता अभी तक नहीं मिल पाया। स्वास्थ विभाग का कहना है कि बोर्ड परीक्षा होने के कारण बच्चों के टीकाकरण मैं रुकावट आ रही है, क्योंकि टीकाकरण के बाद बच्चों को बुखार आ सकता है।इससे उनकी परीक्षा प्रभावित हो सकते हैं।इसलिए वे टीकाकरण के लिए केंद्र पर नहीं आ रहा है। उनका मानना है कि परीक्षा समाप्त होने के बाद स्तर पर अभियान चलाकर टीकाकरण का कार्य किया जाएगा, ताकि टीकाकरण का कार्य पूर्ण हो सके। वही अभियान बच्चों के बाद भी रुचि नहीं ले रहे हैं क्योंकि परीक्षा प्रभावित ना हो इसके लिए अभिभावक टीकाकरण कराने से पीछे भाग रहे हैं।

परीक्षा के चलते पड़ रहा है असर
चंदौली। कोरोना के चौथे लहर की आशंका के मद्देनजर किशोरों में वैक्सिनेशन को लेकर सरकार अभियान चलाकर चरणबद्ध तरीके से लोगों का वैक्सिनेशन करा रही है लेकिन जिले किशोरों को वैक्सिनेशन की प्रक्रिया परवान नहीं चढ़ सकी। पिछले 10 दिन में मात्र 437 बच्चों का ही टीकाकरण हो सका है। जो लक्ष्य में सापेक्ष मात्र आधा प्रतिशत ही है. इस वैक्सिनेशन अभियान की धीमी गति के लिए स्वास्थ्य विभाग की अन्य योजनाओं का क्रियान्वयन के साथ ही बोर्ड परीक्षा बाधक बन रहा है।वैक्सिनेशन के बाद बुखार या सर्द दर्द होना स्वाभाविक रूप से सामने आ रहा है। जिसके चलते छात्र व अभिभावक इसमें दिलचस्पी नहीं दिखा रहे है।

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