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Saturday, July 5, 2025

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मौलिक अधिकार हमें कानून के समक्ष देता है समानता: ख़ालिद वकार आबिद

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Young Writer, डीडीयू नगर। जिला विधिक प्राधिकरण चंदौली के तत्वावधान में विधिक साक्षरता एवं जागरूकता के अभियान के अंतर्गत चल रहे ‘हक हमारा भी तो है‘ अभियान को सशक्त बनाने हेतु कसाब मोहाल में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित हुआ। इसमें आम जनमानस, अल्पसंख्यकों,महिलाओं को संविधान के मौलिक अधिकार और मौलिक कर्तव्य के विषय में जानकारी देकर जागरूक किया गया।
इस मौके पर सिविल बार एसोसिएशन उपाध्यक्ष एवं पैनल लॉयर, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, जनपद चंदौली के सदस्य खालिद वकार आबिद ने बताया कि संविधान में 6 मौलिक अधिकार दिए गए हैं जिनमें राज्य द्वारा हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता। इन अधिकारो में समानता का अधिकार जिसमें कानून के समक्ष समानता, धर्म, वंश, जाति लिंग या जन्म स्थान के आधार पर भेदभाव का निषेध शामिल है और रोजगार के संबंध में समान अवसर शामिल है। जो व्यक्ति के व्यक्तित्व के पूर्ण विकास के लिये आवश्यक हैं और जिनके बिना मनुष्य अपना पूर्ण विकास नहीं कर सकता। विधि छात्र दुर्गेश कुमार सिंह ने मौलिक कर्तव्यों के बारे में आम जनमानस को बताते हुए कहा कि संविधान में मौलिक कर्तव्य को अनुच्छेद-51 के भाग-4 में जोड़ा गया है। वर्तमान में भारतीय संविधान में 11 मौलिक कर्तव्य हैं। इस मौके माशूक रज़ा, हुसैन, दीपक विश्वकर्मा, रेहान, शादाब अली, शफीक, इमरान, इस्माइल अंसारी आदि मौजूद रहे।

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