Young Writer, इलिया। लड़किया तेजी से तरक्की की सीढ़ियां चढ़ रही है। कड़ी मेहनत और लक्ष्य को पाने अपने जुनून व एकाग्रता के बल पर लड़किया आज हर क्षेत्र में अपने हूनर और हौसला का लोहा मनवा रही है। ऐसी ही एक नजीर हैं कि जनपद के बरियारपुर गांव निवासी प्रिया। जो मैकेनिकल इंजीनियरिंग करने के बाद रेलवे से जुड़ी और लोको पायलट बनकर अपनी सेवाएं प्रदान कर रही है। वर्तमान में प्रिया कालका व शिमला मार्ग पर चलने वाली टाय ट्रेन को बतौर लोको पायलट चला रही हैं।
प्रिया एक सामान्य किसान परिवार है जिन्होंने गाजियाबाद से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और बतौर लोको पायलट रेलवे से जुड़ी। लोको पायलट प्रिया का कहना है कि वह कुछ अलग करनाचाहती थी। इसलिए पुरूषों की प्रोफाइल माने जाने वाले लोको पायलट बनने का निर्णय लिया। शुरुआत में यह काम थोड़ा मुश्किल भी लगा, लेकिन मेहनत व परिवार के सहयोग से इसे अआसान बना दिया। बताया कि रेलवे में बतौर लोगों पायलट 2019 में अंबाला में नियुक्त हुईं। नेचर से लगाव होने के कारण अपना ट्रांसफर कालका करा लिया। बताया कि अक्सर उनकी ड्यूटी कालका-शिमला रेल मार्ग पर चलने वाली टाय ट्रेन के लिए भी लगती रहती है और इस दौरान अलग-अलग स्टेशनों पर सैनालियों की नजर इंजन की तरफ पड़ती है तो लड़की को गाड़ी चलाते देखकर वह हैरान भी होते हैं। कहा कि लक्ष्य को पाने का दृढ़ संकल्प मन में हो तो कड़ी मेहनत से उसे पाया जा सकता है।