Young Writer, चहनियां। स्थान चहनियां क्षेत्र के गुरेरा से आगे रामगढ़ जाने वाले रास्ते का हिस्सा। ऐसा लग रहा था मानो जैसे किसी फिल्म के दृश्य को फिल्माया जा रहा है। एक तरफ सपा कार्यकर्ताओं की भीड़ थी दूसरी ओर उसे रोकने वाले वर्दीधारी कुछ पुलिस वाले। इस बीच एंट्री होती है सिंघम यानी रियल लाइफ के सकलडीहा सीओ अनिरूद्ध सिंह। वह आते ही सपाइयों पर टूट पड़ते हैं ताबड़तोड़ लाठियां भांजते हैं। उन्हें ऐसा करते देख वहां मौजूद पुलिस वाले भी भीड़ पर लाठियां बरसाने लगते हैं। देखते ही देखते भीड़ में भगदड़ मच जाती है और कुर्ताधारी नेता-कार्यकर्ता इधर-उधर भागने लगते हैं। सीओ के एक्शन को देखकर ऐसा लग रहा था जैसे किसी फिल्म का कोई किरदार अपने अभिनय को अंजाम दे रहा है। जी हां! इस स्टोरी को पढ़कर आपको भी फिल्म के किसी ऐसे दृश्य की याद आ गयी होगी, जिसमें वर्दीधारी हीरो अपने तेवर व डंडे के बलपर सड़क पर जमा भीड़ की छुट्टी कर देता है। कुछ ऐसा ही नजारा गुरेरा गांव से आगे रामगढ़ मार्ग जाने वाले देखने को मिला, लेकिन यह दृश्य फिल्माया नहीं गया, बल्कि वास्तविक था।
आगे का सीन कुछ ऐसा रहा कि भीड़ को चीरते हुए पुलिस आगे बढ़ती है तो उसका सामना पैदल मार्च कर सीएम योगी आदित्यनाथ की सभा में जा रहे सपा के दिग्गज नेताओं से होता है जिसमें पूर्व सांसद रामकिशुन यादव के साथ जिला कमेटी के वरिष्ठ नेताओं के साथ स्थानीय विधायक प्रभुनारायण सिंह यादव होते हैं जो चट्टान की तरह पुलिस-प्रशासन के समक्ष खड़े हो जाते हैं। वह न केवल पुलिस के इस कृत्य का प्रतिकार करते हैं, बल्कि कानून-व्यवस्था का हवाला दे रहे पुलिस व प्रशासनिक अफसरों को लोकतांत्रिक मूल्यों का पाठ पढ़ाते हैं। साथ ही सीओ सकलडीहा के कृत्य व कार्य तथा जनप्रतिनिधियों से बातचीत की शैली को संस्कारविहीन करार देते हैं। इस दौरान आईएएस व ज्वाइंट मजिस्ट्रेट प्रेमप्रकाश मीणा की दृश्य में एंट्री होती है वह अपने बातचीत से तनावपूर्ण हो चुके माहौल को शांत करने का प्रयास करते हैं, तभी सीओ व सपाईयों की बातचीत से एक बार फिर मामला तनातनी तक पहुंच जाता है और इस बार सकलडीहा विधायक व सीओ के बीच हाथापाई व गुत्थमगुत्थी तक की नौबत आ जाती है। मामला बिगड़ता देख पूर्व सांसद अपने राजनीतिक अनुभव का परिचय देते हुए सबकुछ सामान्य करने की पहल करते हैं और उनके द्वारा जिलाधिकारी संजीव सिंह से इस विषय पर टेलीफोनिक बातचीत की जाती है। साथ ही वह सकलडीहा विधायक से इस मामले में जिलाधिकारी से बातचीत कर प्रकरण को हल कराना चाहते हैं, लेकिन सपा कार्यकर्ताओं की पिटाई से आहत सकलडीहा विधायक प्रभुनारायण तब तक सीओ सकलडीहा पर हमलावर रहते हैं, जब तक की जिला प्रशासन सीओ को मौके से वापस नहीं बुला लेते। इस दौरान उपद्रव व बवाल के मद्देनजर तैनात पुलिस वाले अपनी सुरक्षा व भीड़ को तितर-बितर करने के लिए सारे साजो-सामान के साथ अंतिम तक मुश्तैद रहते हैं।