Young Writer, साहित्य पटल। Story Credit Dr. Umesh Prasad Singh
हिन्दुस्तानी अकादमी प्रयागराज से भिखारी ठाकुर भोजपुरी सम्मान से सम्मानित भोजपुरी के वरिष्ठ साहित्यकार जयशंकर प्रसाद द्विवेदी को विक्रमशिला हिन्दी विद्यापीठ, भागलपुर द्वारा विद्या सागर (डी लिट) की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया। उनको यह सम्मान भोजपुरी साहित्य के सतत संवर्धन की दिशा में अनवरत कार्य करते रहने के लिए दिया गया।
बताते चलें जयशंकर प्रसाद द्विवेदी की अब तक एक काव्य संग्रह, दो गीत संग्रह और एक ललित व्यंग संग्रह प्रकाशित हो चुके है। अब तक वे दो ऐतिहासिक पुस्तकों (भोजपुरी साहित्य में महिला रचनाकारों की भूमिका और आचार्य हरेराम त्रिपाठी ‘चेतन’ इन्द्रधनुषी काव्य व्यक्तित्व ) के सम्पादन टीम के सदस्य भी रहे हैं। विगत 5 वर्षों से भोजपुरी साहित्य सरिता भोजपुरी मासिक पत्रिका का सम्पादन करते आ रहे हैं। इसके साथ ही कई पत्रिकाओं के सम्पादन टीम के सक्रिय सदस्य भी हैं जिसमें सर्वभाषा त्रैमासिक,हिन्दी की गूंज और भोजपुरी संगम विशेष उल्लेखनीय हैं। अब तक दर्जनों पुस्तकों की भूमिका, दो दर्जन से अधिक पुस्तकों की समीक्षा के साथ 10 अधिक साझा संग्रहों में उनकी उपस्थिति को देखा जा सकता है। किसी भी मंच पर सदैव अपनी मातृभाषा भोजपुरी में ही अपनी उपस्थिति दर्ज करना उनकी शगल में शुमार है। चंदौली जिले के चकिया तहसील के बरहुआं गाँव के निवासी श्री राधेश्याम द्विवेदी और श्रीमती लल्ली द्विवेदी के पुत्र जयशंकर प्रसाद द्विवेदी की प्रारम्भिक शिक्षा गाँव से ही पूरी हुई। इसके बाद उन्होने हाईस्कूल और इंटरमिडिएट राजकीय क्वींस कालेज वाराणसी से पूरी की। यहीं के उदय प्रताप महाविद्यालय से 1989 में बी एस सी पास करने के उपरांत डॉ पी जी हलकट्टी कालेज आफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलोजी से इलेक्ट्रानिक्स एंड कम्यूनिकेसन में इंजीनियरिंग स्नातक की डिग्री 1993 में पूरी की। उसके बाद 1994 से 2002 तक निजी कंपनी में कार्यरत रहे। 2003 से अपनी कंपनी बनाकर स्वरोजगार करते आ रहे हैं। विज्ञान का विद्यार्थी होने के बावजूद भी उन्हे अपनी मातृभाषा भोजपुरी से विशेष लगाव है।