चंदौली। राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत शुक्रवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी सभागार में फाइलेरिया से ग्रसित मरीजों के मार्बीडीटी मैनेजमेंट एंड डिसाबिलिट प्रोवेंशन (एम.एम.डी.पी) पर पाथ संस्था के सहयोग से एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजन किया गया। इसमें लिम्फोडेमा रोग के बारे में विस्तार से जानकारी दी गयी| इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ वीपी द्विवेदी ने कहा कि जनपद को फाइलेरिया मुक्त बनाने और फाइलेरिया की रोकथाम के लिए फाइलेरिया अभियान को सघन रूप से चलाया जाना बेहद जरूरी है| सीएमओ ने कहा कि इस अभियान को सफल बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग तैयार है। फाइलेरिया का बचाव ही इसका सफल उपचार है| यह लाइलाज बीमारी है एक बार बीमारी हो जाने पर जीवन भर इसके साथ ही जीना पड़ता है, इसलिए इससे सतर्क और सुरक्षित रहना ही उपचार है|जिला मलेरिया अधिकारी जेपी सोनकर ने बताया कि जनपद को फालेरिया से मुक्त बनाने के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के अधिकारियों व समस्त ब्लॉक के चिकित्सालय प्रभारी एवं बीसीपीएम को पाथ संस्था द्वारा एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया | कार्यक्रम के दौरान संस्था के डॉ करण द्वारा जनपद के छ: फाइलेरिया मरीजों कोबाल्टी, मग, टब ,तौलिया, साबुन व एन्टी फंगल क्रीम किट का वितरण किया गया| मरीजों को वितरण किट इस्तेमाल करने का डेमो भी करके भी दिखाया गया |सहायक मलेरिया अधिकारी राजीव सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत जुलाई 2021 में जनपद में आईडीए अभियान आयोजित किया गया था | इस अभियान में आशा कार्यकर्ताओं द्वारा लक्षित संपूर्ण आबादी को फाइलेरिया रोधक दवायों का सेवन व जागरूक कराया गया। इस दौरान जनपद में 832 हाथीपांव एवं 522 हाईड्रोसिल से पीड़ित मरीजों को चिन्हित भी किया गया था| उन्होने बताया कि फाइलेरिया मच्छर के काटने से होने वाला एक संक्रामक रोग है। फाइलेरिया रोग किसी व्यक्ति को किसी भी उम्र में हो सकता है| फाइलेरिया के सामान्य लक्षण फाइलेरिया के मरीज के हाथ पैर में सूजन का होना व हाइड्रोसील अंडकोष में सूजन का होना है|