चंदौली। जिले का स्वास्थ्य महकमा एक बार फिर सुर्खियों में है। अबकी बार चिकित्सक के प्रमोशन को लेकर हाय तौबा मचा हुआ है। आरोप है कि जनपद में तैनात चिकित्सक डा. जेपी गुप्ता ने गलत तरीके से आठ साल पहले ही प्रमोशन हासिल कर लिया था। जबकि सूत्र बताते हैं कि उक्त प्रमोशन पाने वाले असली हकदार दूसरे चिकित्सक डा. जेपी गुप्ता के द्वारा न्यायालय में मामले को ले जाया गया तो प्रकरण पटल पर आया। हालांकि इस प्रकरण से चंदौली मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में हड़कंप मचा हुआ है। वहीं सीएमओ डा. वाईके राय इस प्रकरण में कुछ भी कहने से बचते हुए नजर आए और उन्होंने अपनी तबियत ठीक नहीं होने की बात कही।
विभागीय सूत्रों की माने तो डॉ. जेपी गुप्ता लेवल वन के डॉक्टर होकर धानापुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा अधीक्षक थे, तभी जेपी गुप्ता नामक चिकित्सक के नाम से 2016 में प्रमोशन के लिए आवेदन मांगा गया था। आरोप है कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के बाबू एवं डॉक्टर जेपी गुप्ता द्वारा तथ्यों में हेरफेर कर प्रमोशन ले लिया गया। जबकि प्रमोशन का असली हकदार जेपी गुप्ता नामक दूसरे चिकित्सक थे। इस संबंध में डिप्टी सीएमओ डा. जेपी गुप्ता ने बताया कि प्रमोशन एक प्रक्रिया है और शासन से पत्र सीधे सीएमओ दफ्तर आता है। इसके बाद संबंधित चिकित्सक को सूचना देकर आवेदन मांगा जाता है, जिसके बाद प्रमोशन की प्रक्रिया शासन स्तर से पूर्ण की जाती है। इसमें किसी भी तरह के फर्जीवाड़े का कोई सवाल ही नहीं उठता। यह प्रमोशन मेरा था, जिसे हमने स्वीकार करते हुए उक्त पद पर कार्य कर रहा हूं। पिता के नाम को लेकर जो सुर्खियां है वह निराधार है। हालांकि जिले के स्वास्थ्य महकमे के मुखिया मुख्य चिकित्साधिकारी का मौन साधे रहना कई सवाल खड़े कर रहा है।