चंदौली। न्यायालय अपर जनपद एवं सत्र न्यायाधीश चंदौली की अदालत ने डकैती, हत्या के प्रयास, लोकसेवक को सरकारी काम से रोकने एवं सार्वजनिक सम्पत्ति व अवैध कब्जे के मामले में की सुनवाई की। इस दौरान उन्होंने नौगढ़ थाने में दर्ज मुकदमा अपराध संख्या 49/2004 अंतर्गत धारा-396, 307, 333, 412 आईपीसी एवं 5 विस्फोटक पदार्थ अधिनियम एवं 3/4 पीपी एक्ट में अभियुक्तों को दोषमुक्त करार दिया। उक्त मामले में बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता राकेश रत्न तिवारी ने न्यायालय के समक्ष तर्क एवं साक्ष्य प्रस्तुत किया।
अपर सत्र न्यायाधीश पारितोष श्रेष्ठ की अदालत ने सत्र परीक्षण संख्या-189/2013, मुकदमा अपराध संख्या-49/2004, थाना नौगढ़ में दर्ज अभियोग में अभियुक्त मुन्ना विश्वकर्मा व रामसजीवन कुशवाहा को धारा-396, 307, 333, 412 आईपीसी व धारा-5 विस्फोटक पदार्थ अधिनियम एवं धारा-3/4 पीपी एक्ट के आरोपों से दोषमुक्त करार दिया। वहीं सत्र परीक्षण 113/2014 में न्यायालय ने अभियुक्त लालब्रत कोल उर्फ कमल जी उर्फ राजगुरु जी व हरिशंकर उर्फ बब्बल कोल उर्फ अजीत को दोषमुक्त करार दिया। अभियुक्त रामसजीवन जिला कारागार वाराणसी में निरुद्ध है, वहीं अभियुक्त मुन्ना विश्वकर्मा, मंडल कारागार कैमूर भभुआ बिहार में निरुद्ध है। न्यायालय ने अपने आदेश में उक्त मामले में अभियुक्तों का रिहाई परवाना तत्काल संबंधित कारागार प्रेषित करने को कहा है। साथ ही जिला कारागार से रिहा होने के पश्चात अभियुक्तों को एक सप्ताह के अंदर धारा-437ए के प्रावधानों का अनुपालन करने का आदेश दिया।