बबुरी। क्षेत्र के कोदोचक गांव में चंद्रप्रभा नदी में नाव पलटने की घटना में तीन किशोर के लापता होने के बाद एसडीआरएफ व एनडीआरएफ की अथक प्रयास से देर रात एक किशोर के शव को निकाला गया। लेकिन घटना के चौबीस घंटे बीत जाने के बाद भी दो किशोरों को लेकर पुलिस के हाथ खाली हैं। सोमवार की शाम नाव पलटने की घटना होने के बाद डवरीं कोदोचक गांव निवासी तीन किशोर पियूष, यश और अरुण चन्द्रप्रभा नदी में समा गए थे।
एसडीआरएफ व एनडीआरएफ ने देर रात तक अथक प्रयास किया जिसके फलस्वरूप अरुण का शव तो निकाल लिया गया। लेकिन मंगलवार की देर शाम तक लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन के बावजूद पियूष और यश का पता नहीं चल पाया। नदी में डूबी नांव भी गोताखोर और राहत कार्य की टीम नहीं ढूंढ पाई। नदी के किनारे पूरे समय ग्रामीणों की बड़ी संख्या में भीड़ जमी रही। गांव में मातमी सन्नाटा फैला रहा। व्रती महिलाओं ने दूसरे घाटों पर भारी मन से सुबह की छठ पूजा की औपचारिकता पूरी की। तीन तीन घरों के चिराग बुझने से गांव के अधिकांश घरों में चूल्हे नहीं जले। घटना का शिकार बने यश और पियूष के स्वजन ब्याकूल हो कर नदी की ओर निहार रहे थे। पियूष की मां नीतू देवी बार बार विलाप कर रही थी कि हे भगवान मेरे बेटे को छिन तो लिया ही, कम से कम एक आखरी बार देखने को तो नसीब हो जाए। वहीं यश के पिता श्यामचरण मूक नजरों से बेटे के मिलने की आस लगाए बैठे थे। समय बीतने के साथ ही घाट किनारे मौजूद लोगों की नजरें हताश थीं।

