चंदौली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गांधीनगर में इफको कलोल में निर्मित नैनो यूरिया संयंत्र के उद्घाटन का शनिवार को सीधा प्रसारण मुख्यालय स्थित एफएससी नवीन मंडी परिसर में किया गया। इस दौरान अधिकारी व किसानों ने प्रधानमंत्री के सीधा प्रसारण को देखा और उनके उद्बोधन को सुना।इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सहकारीता, गांव के स्वाबलंबन का बहुत बड़ा माध्यम है और इसमें आत्मनिर्भर भारत की ऊर्जा है। आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के लिए गांव का आत्मनिर्भर होना बहुत आवश्यक है। इसलिए बापू और सरदार साहब ने जो रास्ता हमें दिखाया उसके अनुसार हम माडल कापरेटिव गांव की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। आज आत्मनिर्भर कृषि के लिए देश पहले नैनो यूरिया प्लांट का उद्घाटन करते हुए मैं विशेष आनंद की अनुभूति कर रहा हूं। अब यूरिया की एक बोरी की जितनी ताकत है, वो एक बोतल में समाहित है। नैनो यूरिया की करीब आधा लीटर बोतल, किसान की एक बोरी यूरिया की जरूरत को पूरा करेगी। कहा कि नैनो यूरिया की करीब आधा लीटर बोतल, किसान की एक बोरी यूरिया की जरूरत को पूरा करेगी। 7-8 साल पहले तक हमारे यहां ज्यादातर यूरिया खेत में जाने के बजाए, कालाबाजारी का शिकार हो जाता था और किसान अपनी जरूरत के लिए लाठियां खाने को मजबूर हो जाता था। 2014 में हमारी सरकार बनने के बाद हमने यूरिया की शत-प्रतिशत नीम कोटिंग का काम किया। इससे देश के किसानों को पर्याप्त यूरिया मिलना सुनिश्चित हुआ। कहा कि भारत विदेशों से जो यूरिया मंगाता है। इसमें यूरिया का 50 किलो का एक बैग 3,500 रुपये का पड़ता है,लेकिन देश में किसान को वही यूरिया का बैग सिर्फ 300 रुपये का दिया जाता है। यानी यूरिया के एक बैग पर हमारी सरकार 3,200 रुपये का भार वहन करती है। देश के किसान को दिक्कत न हो इसके लिए केंद्र सरकार ने पिछले साल 1.60 लाख करोड़ रुपये की सब्सिडी फर्टिलाइजर में दी है। कहा कि नैनो यूरिया सस्ता व अधिक कारगर के साथ पर्यावरण अनुकूल नैनो यूरिया का प्रयोग किसानों को कम लागत में अधिक उपज प्राप्त करने के लिए प्रयोग करना चाहिए। इस दौरान सरोज सिंह ,मयंक सिंह ,गुड्डू चंद्रिका ,विजय सिंह, दीनानाथ ,उमेश, राजाराम, मनोज कुमार महेंद्र आदि किसान उपस्थित रहे।