बंदरों ने जमकर मचाया उत्पात आवागमन करने वाले लोग दुबकने को हुए मजबूर
नौगढ़। स्थानीय कस्बा में त्रिमुहानी के समीप रविवार की सुबह दो अलग-अलग झुंडों में आए बंदरों ने जमकर उत्पात मचाया। जिससे लोगों में अफरातफरी मच गई। बाजार वासियों के साथ ही सड़क पर पैदल सायकिल व दोपहिया वाहनों से आवागमन करने वाले लोग भी दुबकने को मजबूर हो गए। दुर्गा मंदिर पोखरा की ओर से आ रहे बंदरों के झुंड को देखकर चकिया बस स्टैंड की तरफ से आए झुंड ने हमला बोल दिया। देखते ही देखते बाजार बंदरों के गुरिल्ला युद्ध का मैदान बन गया था। बंदरों के बीच करीब आधे घंटे तक कूद-फांद और नोच-खसोट का सिलसिला चलता रहा।
जिसे देखकर महिलाएं, पुरुष व बच्चे भयभीत होकर घरों के अंदर दुबक गए। कई दुकानदारों ने भी अपनी दुकानें बंद कर लीं। बाजार में अचानक सन्नाटा पसर गया। बंदरों का झुंड न केवल सड़कों पर बल्कि घरों के बारजा, टीन शेड और छतों पर चढ़कर उछल-कूद करने लगा। इससे लोग खिड़की-दरवाजे बंद कर अंदर से ही टकटकी लगाए हालात देखते रहे। कुछ युवकों ने हिम्मत जुटाकर लाठी-डंडा लेकर बंदरों को भगाने की कोशिश किया। लेकिन उत्पात मचा रहे बंदरों की संख्या व आक्रामकता के आगे युवा भी असहाय नजर आए। बंदरों की चीख-पुकार और झगड़े की तेज आवाज को गूंजने से लोग बहुत काफी भयभीत होकर इधर उधर भागने लगे। स्थानीय निवासियों का कहना है कि नौगढ़ बाजार में बंदरों का उत्पात आए दिन होता रहता है। कस्बा और गांवों में लंबे समय से बंदरों का आतंक बना हुआ है। बंदरों का झुंड आए दिन बाजार में फलों और खाने-पीने की चीजों की तलाश में अक्सर दुकानों व घरों में घुस जाते हैं। अनेकों बार बंदरों का हुए हमला से दर्जनों वृद्ध युवा बच्चे और महिलाएं जख्मी भी हो गये हैं। व्यापारियों का कहना है कि बंदरों के आतंक से रोजाना दिक्कतें झेलनी पड़ रही हैं। दिन के साथ ही रात्रि में भी बंदरों का झुंड बाजार में धमाक चौकड़ी करता रहता है। लोग बंदरों को छिनने के भय से खुलेआम सामान लेकर चलने में भी डरते हैं। बच्चों के हाथ से खाने की वस्तुएं छीनकर भाग जाना आम बात हो गई है। वन विभाग और प्रशासन की ओर से बंदरों के इस बढ़ते आतंक पर समय रहते अंकुश लगाने का प्रबंध नहीं होने से किसी दिन कोई बड़ी घटना हो जाने की संभावना ब्यक्त किया जा रहा है। करीब आधे घंटे की झड़प के बाद दोनों झुंड अलग-अलग दिशाओं में भाग निकले। तब जाकर बाजार में सामान्य स्थिति लौट सकी।