चहनियां। क्षेत्र के सोनहुला स्थित तालाब में पर्याप्त पानी पूरी नही होने के कारण ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है। जबकि हर वर्ष क्षेत्र के बड़े पांडालों की मूर्तियां यहां विसर्जित होती है, किन्तु अधिकारियों व कर्मचारियों की लापरवाही से इस बार तालाब को पूरी तरह से नहीं भरा गया। लोग मूर्ति विसर्जन को लेकर इधर उधर भटकते रहे।
विदित हो कि केंद्र सरकार द्वारा जब से गंगा में मूर्ति विसर्जन पर रोक लगायी गयी है। तब से क्षेत्र के बड़े पांडालों चहनियां, रमौली, पपौरा के अलावा आदि जगहों की मूर्तिया सोनहुला तालाब में समितियों द्वारा धूमधाम से विसर्जित किया जाता है। इस बार प्रशासनिक अधिकारियों-कर्मियों की लापरवाही से पोखरे में पानी प्रयाप्त मात्रा में नहीं भरा गया। जबकि उपजिलाधिकारी अनुपम मिश्रा व क्षेत्राधिकारी राजेश राय ने सोमवार को नवमी के दिन तालाब का निरीक्षण कर तालाब से घास फूस साफ कर पानी भरने का निर्देश दिया था। सिंचाई विभाग के अधिकारीयो को भी तेज बेग से पानी चालू कर पोखरा भरने को निर्देशित किया था। किन्तु नाही तालाब में प्रयाप्त मात्रा में पानी भरा गया, ना ही पोखरे से घास फूस हटाकर सफाई किया गया। जबकि प्रधानपति शिवदयाल साहू ने दुर्गा पूजा महोत्सव से पूर्व बलुआ थाने में बैठक के दौरान इस समस्या को लेकर अवगत कराया था। मूर्तियों को लेकर समिति के लोग इधर उधर भटकते रहे। इस बाबत बीडीओ दिव्या ओझा ने बताया कि ग्रामीणों के कहने पर ग्राम प्रधान व सीकेट्री तालाब में पानी भरने के लिए निर्देश दिया गया था। जिसके द्वारा समरसेबल से तालाब में पानी छोड़ा गया है।