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Wednesday, February 5, 2025

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मेल व एक्सप्रेस ट्रेनें ‘फॉग सेफ डिवाइस से किये गये युक्त, अब कोहरे में 75 किमी की रफ्तार से दौड़ेगी ट्रेनें

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चंदौली डीडीयू नगर।जाड़े के मौसम में संभावित कोहरे को देखते हुए पूर्व मध्य रेल ने चालकों को कई दिशा निर्देश जारी किए हैं। कोहरे में गति सीमा से लेकर फर्स्ट स्टॉप सिगनल लोकेशन चार्ट भी उपलब्ध कराया है।इस उद्देश्य से इंजनों में फॉग सेफ डिवाइस लगाया गया है । ट्रेनों के सुचारू परिचालन हेतु पूर्व मध्य रेल के शत-प्रतिशत मेल,एक्सप्रेस एवं पैसेंजर ट्रेनों के लोको पायलटों के लिए फॉग सेफ डिवाइस का प्रावधान किया गया है । विदित हो कि फॉग सेफ डिवाइस जीपीएस आधारित एक उपकरण है जो लोको पायलट को आगे आने वाली सिगनल की चेतावनी देता है जिससे लोको पायलट ट्रेनों की स्पीड को नियंत्रित करते हैं । इसके अतिरिक्त फॉग मैन भी तैनात किये जा रहे हैं जो कुहरे के दौरान रेल लाइन पर सिगनल की स्थिति की निगरानी करेंगे। रेल फ्रैक्चर से बचाव एवं समय पर इसकी पहचान हेतु उच्चाधिकारियों की निगरानी में रेलकर्मियों द्वारा निरंतर पेट्रोलिंग की जा रही है । इससे एक ओर जहां संरक्षा में वृद्धि होगी वहीं कोहरे के बावजूद समय-पालन बनाए रखने में मदद मिलेगी । लाइन पेट्रोल करने वाले कर्मचारियों को जीपीएस भी उपलब्ध कराया जा रहा है ताकि उनकी खुद की भी सुरक्षा हो सके ।   मुख्य जन संपर्क अधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि सिगनलों की दृश्यता को बढ़ाने के लिए सिगनल साइटिंग बोर्ड, फॉग सिगनल पोस्ट, ज्यादा व्यस्त समपार के लिफ्टिंग बैरियर आदि को एक विशेष रंग काला एवं पीला रंग से रंगकर उसे चमकीला बनाया गया है । सिगनल आने के पहले रेल पटरी पर सफेद चूने से निशान बनाया गया है ताकि लोको पायलट कुहासे वाले मौसम में सिगनल के बारे में अधिक सतर्क हो जायें । घने कुहरे में स्टॉप सिगनल की पहचान हेतु स्टॉप सिगनल से पहले एक विशेष पहचान चिन्ह ‘‘सिगमा शेप्स‘‘ का प्रावधान किया जा रहा है ताकि चालक को स्टॉप सिगनल की जानकारी आसानी से प्राप्त हो सके । लोको पायलटों को प्रत्येक स्टेशनों का ‘फर्स्ट स्टॉप सिगनल लोकेशन‘ किलोमीटर चार्ट उपलब्ध कराया जा रहा है जिसके प्रयोग से चालक यह सुनिश्चित कर पाएंगे कि अगले कितनी दूरी पर ट्रेन को रोकना है और इसके अनुसार वे ट्रेन की गति नियंत्रित करेंगे । शीतकाल में सुगम ट्रेन परिचालन हेतु बरती जाने वाली इन कदमों की जानकारी देने हेतु ट्रेन परिचालन से सीधे रूप से जुड़े रेलकर्मियों को संरक्षा सलाहकारों द्वारा लगातार कांउसिलिंग भी की जा रही है ।

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