चंदौली। उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ ने बिना स्पष्टीकरण के लेखपालों का निलंबन, कठोर दण्ड के साथ निलंबित लेखपालों की बहाली व शोषण समेत कई महत्वपूर्ण मुद्दों को लेकर चंदौली तहसील में धरना दिया। इस दौरान उच्चाधिकारियों पर कई गंभीर आरोप लगाए और सात सूत्रीय मांगों को ज्ञापन के माध्यम से प्रशासन तक पहुंचाया। चेताया कि लेखपालों को शोषण व उत्पीड़न बंद नहीं हुआ तो बड़ा आंदोलन होगा।
इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि वर्तमान में लेखपालों के ऊपर सरकार की कई महत्वपूर्ण योजनाओं व कार्यों का दबाव है, जिसका निष्पादन लेखपाल कर रहे हैं। इसके बाद भी लेखपालों का पक्ष सुने बिना, बिना स्पष्टीकरण के निलंबित कर दिया जा रहा है। जांच में आरोपों की पुष्टि नहीं होने के बाद भी कठोर दण्ड के साथ लेखपालों को बहाल किया जा रहा है। निलंबन अवधि का बकाया वेतन अदेय करते हुए बहाल किया गया है जिससे संबंधित लेखपालों का आर्थिक व प्रशासकीय नुकसान हुआ है। कहा कि तहसील में लेखपालों के मानदेय व अन्य बकाया धनराशियों के भुगतान हेतु बार-बार सूचना देने के उपरांत भी बकाया देयकों का आज तक भुगतान नहीं लिया गया, जिस कारण भी लेखपालों में आक्रोश व्याप्त है। कहा कि 31 अक्टूबर को लेखपाल संदीप सिंह व पटल प्रभारी का कार्य देख रहे मनीष कुमार सिंह व मनीष चन्द्र मिश्रा को प्रताड़ित करने की मंशा से कारण बताओ नोटिस जारी किया गया, जबकि उक्त के सबंध में कई बार अवगत कराया गया कि राजस्व परिषद के निर्देशों के क्रम में लेखपालों से प्रभारी का कार्य न लिया जाए। इसके बाद भी आज तक कोई कार्यवाही नहीं की गयी। मांग किया कि लेखपालों के ऊपर किए गए समस्त दण्डात्मक व उत्पीड़नात्मक कार्यवाहियों को व बकाया देयकों के भुगतान व मृतक दीपक कुमार की पत्नी को सेवायोजित करते हुए समस्याओं का निराकरण किया जाए, अन्यथा लेखपाल अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार करते हुए अनिश्चित कालीन धरना-प्रदर्शन के लिए बाध्य होंगे, जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी तहसील प्रशासन की होगी।

